Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 26 Jul, 2025 08:43 PM

फर्रूखनगर के गांव तिरपडी में नहर के ओवरफ्लो होने से करीब 10 एकड़ की धान व बाजरे की फसल जलमग्न हो गई। जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। ग्रामीणो ने शासन प्रशासन से फसल मुआवजे की मांग की है।
गुड़गांव (ब्यूरो): फर्रूखनगर के गांव तिरपडी में नहर के ओवरफ्लो होने से करीब 10 एकड़ की धान व बाजरे की फसल जलमग्न हो गई। जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। ग्रामीणो ने शासन प्रशासन से फसल मुआवजे की मांग की है। ग्रामीण मनोज, दीपक, विजयपाल, महावीर, राजबीर, सोनी प्रधान, त्रिलोक, सोमबीर आदि का आरोप है कि नहरी विभाग गर्मीयों में तो इस नहर में बिल्कुल पानी नहीं छोड़ता। जब अब बरसात का मौसम है तो पानी का डायवर्ट करके इस नहर में छोड़ दिया। जबकि इस नहर को गांव तिरपडी व बसुंडा की सीमा में लास्ट पॉइंट दिया गया है। जिससे नहर में पानी ज्यादा हो गया और ओवरफ्लो होकर साइड से मिट्टी कट गई।
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मिट्टी कटाव की वजह से नहर टूट गई और सारा पानी पास के खेतों में भर गया। जिनमें किसानों ने धान व बाजरे की फसल कर रखी थी, जो जलमग्न हो गई। ऐसे में धान की फसल तो बिल्कुल डूब गई। उनका आरोप है कि नहरी विभाग को नहर में बढ़ते जलस्तर से अवगत कराया था कि बरसात का मौसम है नहर में ज्यादा पानी ना छोड़े वरना नहर के ओवरफ्लो होने से टुटने का डर है। जिससे फसल डूब जाएगी और फसल खराब हो जाएगी। बावजूद इसके नहर में पानी कम नहीं किया गया। जिससे नहर ओवरफ्लो होकर टूट गई और फसल पानी में डूब गई। इसके अलावा वहां मौजूद ग्रामीणों ने सरपंच पर विकास कार्यों में कोताही बरतने, गांव की पंचायती भूमि से मिट्टी उठाने व गांव का मेन रास्ता ना बनवाने का आरोप भी लगाया है।
मनोज का कहना है कि विकास कार्यों को लेकर गांव में 3-4 दिन पहले ग्राम पंचायत भी आयोजित की गई थी। जिसमें कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। हमारी पंचायत भूमि जो किसानों ने ले रखी है उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। अधिकारी कहते हैं कि पोर्टल बंद है हमारी सरकार से अपील है कि पोर्टल खोला जाए जिससे किसानों की फसल का रजिस्ट्रेशन हो सकें।
सरपंच अजीत का कहना है कि मुझ पर लगे आरोप मिथ्या है। जो रास्ते की बात है वो सांसद राव इंद्रजीत व विधायक बिमला चौधरी से मिलकर उसको पास करवाकर जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा। हमारा हर संभव प्रयास रहा है कि रास्ते का निर्माण हो। रही बात मिट्टी उठाने की तो आप चलकर देख सकते हैं जहां से मिट्टी उठाई होगी वहां का नजारा अलग ही मिलेगा, लेकिन वहां पर घास उगी हुई है। मेरे पास परमिशन होते हुए सिर्फ एक ट्राली मिट्टी उठाई थी लेकिन विरोध होने पर मैंने कोई मिट्टी नहीं उठाई। जबकि मेरे पास परमिशन थी।
सरपंच ने कहा कि हमारा प्रयास रहा है कि गांव में ज्यादा से ज्यादा विकास कार्य हो और हुए भी हैं। जलमग्न हुई किसानों की फसल पर सरपंच ने कहा कि नहरी विभाग की लापरवाही के चलते किसानों की फसल खराब हुई है। सरपंच ने कहा कि जब मुझे पता चला कि नहर ओवरफ्लो हो रही है और कटाव हो रहा है तों मैंने खुद नहरी विभाग के जेई को फोन कर समस्या से अवगत कराया और पानी कम करने को कहा लेकिन पानी तो कम हुआ लेकिन मिट्टी के कटाव से नहर टूट गई और किसानो की करीब 10 एकड़ में खड़ी धान व बाजरे की फसल जलमग्न हो गई। शासन प्रशासन को किसानों के नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। वहीं नहरी विभाग के जेई का कहना है कि 7 से 10 दिन के अंदर टूटी हुई नहर की मरम्मत करवा दी जाएगी। साथ ही तत्काल प्रभाव से नहर का पानी रोक दिया गया है।