हुड्डा राज में अपराधियों को प्राप्त था सरकारी संरक्षण : प्रवीण अत्रेय

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 05 Mar, 2025 07:30 PM

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मुख्यमंत्री हरियाणा के साथ कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालने के बाद फिर से प्रवीण अत्रे को मुख्यमंत्री हरियाणा के महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में मीडिया सेक्रेटरी की जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें हर महत्वपूर्ण मंच और बैठक में इनकी मौजूदगी

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : मुख्यमंत्री हरियाणा के साथ कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभालने के बाद फिर से प्रवीण अत्रे को मुख्यमंत्री हरियाणा के महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में मीडिया सेक्रेटरी की जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें हर महत्वपूर्ण मंच और बैठक में इनकी मौजूदगी आमतौर पर देखी जाती है। अब इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को विधिवत रूप से संभालने के बाद उनकी कार्यशैली किस प्रकार से रहेगी, किस प्रकार से वह पत्रकारों को लाभ पहुंचाने की सोच रखते हैं और उनके सामने किस प्रकार की चुनौतियां आएंगी, इस बारे पंजाब केसरी ने उनसे विशेष बातचीत की। कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं..

प्रशन:- बतौर मीडिया सेक्रेटरी किस प्रकार से आपकी कार्यशैली रहेगी, जिससे पत्रकारों को लाभ मिले?

उत्तर:- बतौर मीडिया सेक्रेटरी मैं अपना कार्य सकुशल कर रहा था, हां, यह बात ठीक है कि कार्यालय में आज मैं आज पहले दिन बैठा हूं। यह बात ठीक है कि कार्य की व्यस्तता के कारण मुझे समय नहीं मिल पा रहा था कि मैं कुछ देर के लिए कार्यालय में रहूं। आज अवसर मिलने पर मैंने यही सोचा कि पत्रकार साथियों के साथ बैठकर विचार विमर्श और चर्चा परिचर्चा की जाए। हां मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में अवश्य पत्रकारों से मुलाकात होती रहती थी। पत्रकार साथी की किसी प्रकार की समस्या इत्यादि के समाधान के लिए कार्यालय में बैठना अति आवश्यक था और आज बैठकर मैं यह काम कर रहा हूं। 

मेरा प्रयास पहले भी और आज भी क्योंकि पत्रकार एक महत्वपूर्ण कड़ी है जनता और सरकार के बीच। पत्रकारिता लोकतंत्र में चौथा स्तम्भ है। पत्रकारों की समस्याओं के समाधान का ही मेरा कार्य है जो भी समस्याएं मेरे सामने आती हैं उनके समाधान की कोशिश हमेशा मेरी रही है। अगर कोई समस्या गंभीर है जो मेरे बस की बात नहीं तो मैं तुरंत मुख्यमंत्री महोदय के संज्ञान में उस मामले को लाता हूं और समाधान की कोशिश मेरी हमेशा रहती रही है।

प्रशन:- कैशलेस सुविधा पत्रकारों को तुरंत मिले, उसके क्रियान्वयन के लिए कब तक उम्मीद करें? 

उत्तर:- माननीय मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों को पत्रकारों के हितों को लेकर निर्देश देते रहते हैं और कैशलेस मेडिकल सुविधा पत्रकारों को तुरंत मिले इसके लिए अधिकारियों को सख्त आदेश दिए जा चुके हैं। सरकार पत्रकार साथियों को हर सुविधा देना चाहती है जिसके वह अधिकारी हैं जिससे उनका जीवन आसान हो और उन्हें कार्य करने में आसानी हो। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी के समय पत्रकारों के हित में बहुत सी योजनाएं आई हैं और अब मुख्यमंत्री नायबसिंह सैनी लगातार चर्चा विमर्श अधिकारियों के साथ करते रहते हैं कि पत्रकारों को कैसे और कौन-कौन से लाभ दिया जा सके। कैशलेस सुविधा के लिए बहुत तत्परता के साथ कदम उठाए गए हैं और यह खुशखबरी जल्द पत्रकार साथियों को मिलेगी।

प्रशन:- 7 तारीख से बजट सत्र शुरू होगा, लेकिन कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष तक नहीं ढूंढ पाई, क्या कहेंगे?

उत्तर:- बजट सत्र बहुत महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि प्रदेश का विकास बजट सत्र में तय होता है। बतौर वित्त मंत्री मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहला बजट पेश करेंगे। मुख्यमंत्री ने नई रिवायत शुरू करते हुए पक्ष विपक्ष के सभी विधायकों को एक मंच पर बिठाकर उनके सुझाव लिए हैं। दो दिन पंचकूला में यह कार्यक्रम चला था। समाज के अलग-अलग सभी वर्गों के सुझाव मुख्यमंत्री ने लिए। महिला वर्ग का उत्थान कैसे हो, इसलिए महिला वर्ग के सुझाव लिए गए। किसानों का उत्थान कैसे हो, किसान वर्ग को बिठाया गया। उद्योगपतियों के सुझाव लिए गए, हर वर्ग का उत्थान कैसे हो, हरियाणा कैसे उन्नति करें, इसलिए हर वर्ग को इसमें शामिल किया गया। 

पिछले कुछ समय में किस प्रकार से हरियाणा तेज गति से आगे बढ़ा है, विकास का पहिया लगातार स्पीड पकड़ रहा है, अगर हम इसकी तुलना पहले की सरकारों से करें तो आप खुद समझ जाएंगे। आज जीएसटी से कई गुना खजाने में बढ़ोतरी हुई है। हमारा बजट आज 5 गुना हो चुका है। आर्थिक स्थिति हरियाणा की बेहद मजबूत है। 2014 से पहले की तुलना मे लगातार बड़े बदलाव हुए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी के समय इंफ्रास्ट्रक्चर को लगातार मजबूत किया गया। उन्होंने वित्त मंत्री के तौर पर जो बजट पेश किए हर बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया। क्योंकि इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होने से ही आय बढ़ती है। अब नायब सिंह सैनी भी उसी राह पर हैं और प्रदेश को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है।

प्रशन:- लेकिन विपक्ष लगातार आपकी सरकार के बजट की आलोचना करता है, ऐसा क्यों?

उत्तर:- विपक्ष का काम आलोचना करता है, क्योंकि उसका यही कार्य होता है। लेकिन अतार्किक जब आलोचना हो या सत्य से दूर जाकर आलोचना की जाए तो यह ठीक नहीं होता। गलत चीज की आलोचना अवश्य होनी चाहिए। तथ्य और सत्य पर आधारित होनी चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जब भी आप मिले तो उनसे पूछना कि उनके द्वारा पेश किया गया आखिरी बजट कितने रुपए का था, उनसे यह पूछेगा कि उस साल में उन्होंने कितना कर लिया, तब यह बात क्लियर हो जाएगी कि कितना बड़ा बदलाव आया है। उस समय में कर्ज ज्यादा लिया गया, लेकिन प्रदेश में प्रगति के लिए खर्च होने वाला खर्च कम था। उस समय हुड्डा की सरकार इस प्रकार से चलती थी। मनोहर लाल जी के पहले बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर का प्रोविजन 30 फीसदी था। सरकार ऋण अवश्य लेती है और उसकी एक सीमा है। भाजपा के समय में जो भी कर लिया गया उससे लगभग दुगना पैसा प्रदेश की तरक्की के लिए खर्च किया गया। विकास किया गया, यह बड़ा अंतर है।

प्रशन:- प्रदेश में पेपर लीक का मामला विपक्ष उठा रहा है?

उत्तर:- यह मामला हमे समझना होगा, पेपर लीक और पेपर आउट में फर्क है। पेपर जहां प्रिंट हुआ, वहां से अगर बाहर आ जाए तो वह पेपर लीक है। दूसरी तरफ अगर परीक्षा शुरू हो गई वहां व्हाट्सएप या अन्य तरीके से पेपर बाहर चला जाए तो वह पेपर आउट होता है। अब हमने देखा कि पेपर आउट होने के बाद हरियाणा सरकार ने क्या कदम उठाए। देखिए मुख्यमंत्री नायब सिंह जी ने जो सख्ती दिखाई और एक बड़ा मैसेज पेपर आउट करने वालों को दिया, पेपर आउट करने वाले अधिकारियों के खिलाफ जो कार्रवाई हुई, हरियाणा में आज से पहले कभी इतने बड़े अधिकारियों को इतने बड़े स्तर पर सस्पेंड नहीं किया गया, यही जीरो टॉलरेंस की नीति है। हरियाणा सरकार ने स्पष्ट मैसेज दिया है कि कोई भी गलत हरकत बर्दाश्त नही की जाएगी।


प्रशन:- मुख्यमंत्री ने पिछले समय में कई बड़े सख्त निर्देश दिए थे, उनका धरातल पर कितना अनुमोदन हुआ?

उत्तर:- सब आपके सामने है। हाल ही में कांग्रेसी कार्यकर्ता की हत्या का जो मामला आया पुलिस ने 24 घंटे में मामला समाधान कर दिया। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। अपराध होना एक अलग बात है लेकिन अपराध के बाद पुलिस ने कितनी तत्परता दिखाई। सरकार ने कितनी गंभीरता दिखाई यह बड़ी बात है। पहले हरियाणा में अपराधियों को सरकारी संरक्षण प्राप्त था। 2014 से पहले हरियाणा में आपराधिक किस्म के लोग जेल में बैठकर ऑपरेट करते थे, उस समय विपक्ष के सीधे आरोप थे कि सरकारी संरक्षण अपराधियों को प्राप्त है। लेकिन आज ऐसा नहीं है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जिस प्रकार से बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी अपराध में संलिप्त होने पर बड़े से बड़े अधिकारियों को भी नहीं बक्शा जाएगा  आज हरियाणा सरकार अपराध और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने अपनी कार्यशैली से यह साबित भी किया है कि अपराधी और अपराध हरियाणा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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