Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 29 May, 2025 07:15 PM

फर्जी वोट के आधार पर चुनाव जीतकर मंत्री बनने को लेकर विवादों में आए तत्कालीन खेल मंत्री सुखबीर कटारिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अभी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वोट बनवाने और उन वोट का उपयोग कर चुनाव जीतने का मामला किसी नतीजे पर...
गुड़गांव, (ब्यूरो): फर्जी वोट के आधार पर चुनाव जीतकर मंत्री बनने को लेकर विवादों में आए तत्कालीन खेल मंत्री सुखबीर कटारिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अभी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वोट बनवाने और उन वोट का उपयोग कर चुनाव जीतने का मामला किसी नतीजे पर पहुंचा भी नहीं था कि एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया पर एक और मामला दर्ज करने के आदेश सेक्टर-5 थाना पुलिस को दिए हैं। इस बार उन पर मंत्री रहते हुए सरकारी खजाने का दुरुपयोग करने का है। आरोप है कि सुखबीर कटारिया ने मंत्री रहते हुए अपने भाई-बहन और रिश्तेदारों को सरकारी ग्रांट दी है। इस ग्रांट को देते वक्त तत्कालीन मंत्री ने अपने भाई बहन को बेहद गरीब बताया है और उन्होंने इस ग्रांट का उपयोग फर्जी वोट बनवाने के मामले में चल रहे केस में वकील की फीस भरने के लिए किया गया है।
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मामले में गुड़गांव निवासी ओम प्रकाश ने साल 2021 में गुड़गांव के सेक्टर-5 थाना पुलिस को फर्जी तरीके से ग्रांट देने का आरोप पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया पर लगाते हुए पुलिस को शिकायत दी थी। इस शिकायत पर पुलिस ने 11 महीने तक कोई कार्रवाई नहीं की जिसके बाद ओम प्रकाश ने अदालत में सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत केस दायर किया था। इस मामले में ओम प्रकाश ने न केवल पूर्व खेल मंत्री सुखबीर कटारिया को बल्कि उनकी बहन, भाई के बच्चे व बहू सहित कई अन्य रिश्तेदारों, तत्कालीन पार्षद सहित सेक्टर-5 थाने के सब इंस्पेक्टर को भी आरोपी बनाया था।
ओम प्रकाश ने अदालत को बताया कि सुखबीर कटारिया ने मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए सरकारी खजाने को अपने रिश्तेदारों में बांटा। आरोप यह भी है कि जब इस मामले की शिकायत पुलिस के पास गई तो इसकी कार्रवाई को रुकवाने के लिए भी इस खजाने का दुरुपयोग किया गया। ऐसे में जब मामले की जांच की गई तो संबंधित जांच अधिकारी ने अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट में सरकारी खजाने का कोई भी दुरुपयोग होना नहीं बताया गया।
ओम प्रकाश ने बताया कि जब उन्होंने मामले की याचिका अदालत में दायर की। मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने पूर्व मंत्री सहित अन्य पर सरकारी खजाने का दुरुपयोग करने व प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच करने और इसकी रिपोर्ट मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई 2025 तक अदालत में पेश करने के आदेश जारी किए हैं।
आपको बता दें कि पहले भी पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वोट बनवाने और उसका उपयोग चुनाव जीतने के लिए करने के दर्जनों मामले अदालत में विचाराधीन हैं। अब जिन आरोपियों पर केस दर्ज करने के आदेश अदालत ने जारी किए हैं उनमें से ज्यादातर आरोपी इस फर्जी वोट के मामले में भी आरोपी हैं।