Edited By Deepak Kumar, Updated: 03 Dec, 2024 07:20 PM
हिसार जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा के खिलाफ 30 में से 23 जिला पार्षद ने मोर्चा खोल दिया है।
हिसार (विनोद सैनी): जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा के खिलाफ 30 में से 23 जिला पार्षद ने मोर्चा खोल दिया है। सभी पार्षद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा को हटाने के लिए अड़ गए हैं। इसको लेकर सभी पार्षदों ने आज हिसार एडीसी को अविश्वास प्रस्ताव सौंपने के लिए पहुंचे थे, लेकिन एडीसी न मिलने के कारण कल दोबारा से एडीसी ऑफिस में आएंगे और जल्द से जल्द बैठक बुलाने की मांग भी की जाएगी।
बता दें सोनू सिहाग डाटा भाजपा के चेयरमैन हैं, वह कैप्टन अभिमन्यु के करीबी बताए जाते हैं। पार्षद लगातार सोनू सिहाग को हटाने के लिए गुप्त तौर पर बैठकें कर रहे हैं। बताया जा रहा है 30 में से 23 जिला पार्षदों को शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर चेयरमैन को हटाने की मांग की है।
हर बार मैं जीतकर निकला हूंः चेयरमैन
इस पर चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा का कहना है कि उनको कोई नहीं हटा सकता। उनके पास 13 से 14 पार्षदों का समर्थन है। उन्होंने कहा कि पहले भी मेरे खिलाफ कई बार इस तरह के प्रस्ताव लाए गए, मगर हर बार मैं जीतकर निकला हूं।
21 पार्षदों का चाहिए समर्थन
गौर रहे 30 पार्षदों वाली जिला परिषद को 2 तिहाई बहुमत की जरूरत होती है यानी 21 पार्षदों का समर्थन चाहिए, जबकि चेयरमैन खुद मान रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन हैं। वहीं जिला पार्षदों का कहना है कि उनके पास 24 पार्षदों के हस्ताक्षर हैं और वह जल्द ही अविश्वास प्रस्ताव की मांग करेंगे। भाजपा जिसे चाहे चेयरमैन बना सकती है। सभी पार्षद उसका समर्थन करेंगे। मगर मौजूदा चेयरमैन को पद पर नहीं रहने देंगे।
सोनू सिहाग के गांव डाटा से कैप्टन अभिमन्यु की हुई हार
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग के गांव डाटा से BJP प्रत्याशी कैप्टन अभिमन्यु की बुरी तरह हार हुई। डाटा नारनौंद विधानसभा क्षेत्र के बड़े गांवों में से एक हैं। यहां करीब 7 बूथ बनाए गए थे। इन बूथों में से 6 पर कांग्रेस और 1 बूथ पर ही भाजपा जीत पाई। कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ को गांव में 3,274 वोट मिले, जबकि कैप्टन अभिमन्यु को गांव से महज 2,156 वोट मिले थे।
चेयरमैन पर लगे कमीशनखोरी के आरोप
पार्षदों का कहना है कि कुछ महीने पहले कई जिला पार्षदों ने मिलकर मुख्यमंत्री से चेयरमैन की शिकायत की थी। विकास कार्यों में किए जा रहे पक्षपातपूर्ण निर्णयों को लेकर परिषद कार्यालय में धरना भी लगाया था। मुख्यमंत्री के समक्ष पार्षदों ने चेयरमैन पर कमीशनखोरी के आरोप भी लगाए। यह भी कहा कि कमीशन के चक्कर में ही जिला परिषद की पहली ग्रांट भी नहीं लग पाई है। जब तक कमीशन नहीं दिया जाता, तब तक काम भी शुरू नहीं होने देते। पिछले 2 साल से विकास कार्य पेंडिंग पड़े हैं, जिससे सरकार की छवि खराब हो रही है।
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