हरियाणा विधानसभा बजट सत्र: ​​​​​​​शीरे के मुद्दे पर बलराज कुंडू व सीएम में हुई बहस

Edited By vinod kumar, Updated: 27 Feb, 2020 04:30 PM

congress mlas created ruckus for not doing zero time

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में वीरवार को शून्यकाल न कराए जाने पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि वह शून्यकाल के बजाय दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की अनुमति दे रहे है। इस पर सदन में शोर शराबा होने लगा।

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में वीरवार को शून्यकाल न कराए जाने पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि वह शून्यकाल के बजाय दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की अनुमति दे रहे है। इस पर सदन में शोर शराबा होने लगा। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और किरण चौधरी सहित कांग्रेस के सभी विधायक अपने आसन से खड़े हो गए। सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री कंवरपाल गुर्जर और अनिल विज ने मोर्चा संभाला।

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि आज दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाएगी। सदन में ऐसा पहले भी होता रहा है जब शून्यकाल नहीं हुआ। कांग्रेस विधायक शून्यकाल कराने पर अड़े रहेे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने इससे इन्कार कर दिया। स्पीकर ने विपक्ष पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया। स्पीकर ने कहा कि पहले दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इसके बाद अगर समय बचा तो शून्य काल करा लेंगे। शून्य काल नहीं कराने पर कांग्रेस ने सदन सेे वाकआउट कर दिया। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने भारत माता की जय के जयकारे लगाए।

सदन में गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने संबंधी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा हुई। स्पीकर ने ध्यानाकर्षण प्रस्तावों को मंजूर करते हुए उन पर चर्चा शुरू कराई। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता से इनेलो विधायक अभय चौटाला भिड़ गए। उन्होंने स्पीकर पर बोलने के लिए पर्याप्त समय नहीं देने का लगाया आरोप। स्पीकर के जवाब से असंतुष्ट होकर अभय ने सदन से वाकआउट कर दिया।

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान गन्ना किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस विधायक वेल में पहुंच गए। कांग्रेस विधायक शकुंतला खटक ने भाजपा मुर्दाबाद के नारे लगाए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के हस्तक्षेप के बाद ही कांग्रेस विधायक अपनी सीटों पर लौटे। गन्ने का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाने पर आरोप-प्रत्यारोप को लेकर विवाद शुरू हुआ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी हरियाणा में देश में सबसे अधिक गन्ने का भाव दिया जा रहा है। जब देश के बाकी राज्य ही गन्ने का रेट नहीं बढ़ा पा रहे हैं तो हम सीमा को कैसे पार कर सकते हैं। इस पर नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि गन्ने का रेट उसकी लागत पर निर्धारित करता है, लेकिन पिछले 5 साल के दौरान लागत में काफी बढ़ोतरी हो गई है और गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं बढ़ाया गया है।

हुड्डा ने कहा कि सरकार को लागत मूल्य के हिसाब से गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करना चाहिए। इस पर गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि नियमों के अनुसार कॉल टेंशन मोशन पर वही सवाल पूछ सकता है जिसका नाम ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में हो। नारायणगढ़ से कांग्रेस विधायक शैली चौधरी ने कहा कि सरकार बताए कि वह सिर्फ गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए क्या कर रही है? वर्तमान में जिस तरीके से गन्ना उत्पादन लागत बढ़ रही है। उसके हिसाब से इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर 400 रुपये होना चाहिए।

शीरे के मुद्दे पर आजाद विधायक बलराज कुंडू व सीएम में हुई बहस। इस दौरान सीएम ने कहा कि आप के पास सभी रास्ते हैं, जो मर्जी अपनाए। यूएलबी में गठित एस आई टी के मुद्दे पर बलराज कुंडू से तीखी बहस हुई। 

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