हरियाणा में स्कूली बच्चों के लिए Health education होनी चाहिए Compulsory, जानिए क्यों

Edited By Isha, Updated: 12 Nov, 2024 09:08 PM

compulsory health education should be implemented for school

यूनेस्को ग्लोबल हेल्थ एंड एजुकेशन के लिए भारत के राष्ट्रीय प्रतिनिधि एवं अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ.राहुल मेहरा ने हरियाणा में बच्चों के लिए प्रारंभिक स्तर पर ही स्वास्थ्य शिक्षा को अनिवार्य करने तथा इसके लिए मजबूत नीतियां बनाने की मांग की है।

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी ): यूनेस्को ग्लोबल हेल्थ एंड एजुकेशन के लिए भारत के राष्ट्रीय प्रतिनिधि एवं अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ.राहुल मेहरा ने हरियाणा में बच्चों के लिए प्रारंभिक स्तर पर ही स्वास्थ्य शिक्षा को अनिवार्य करने तथा इसके लिए मजबूत नीतियां बनाने की मांग की है। पूर्व में बायो-मेडिकल इंजीनियरिंग में शोध वैज्ञानिक रहे डॉ. मेहरा के पास 70 से अधिक पेटेंट हैं और उन्होंने 100 से अधिक प्रकाशनों में योगदान दिया है।

मंगलवार को चंडीगढ़ में तरंग हेल्थ एलायंस व फिजीहा द्वारा हरियाणा के संदर्भ में आयोजित प्रेस कांफ्रैंस को संबोधित करते हुए डॉ.मेहरा ने कहा कि यूनिसेफ के अनुसार अत्यधिक प्रदूषित वातावरण में रहने से बच्चों की फेफड़ों की क्षमता 20 प्रतिशत तक कम हो सकती है, जो लंबे समय तक सेकेंड हैंड धूम्रपान के संपर्क में रहने के प्रभाव के समान है। 

हरियाणा में स्कूली बच्चों के लिए प्रारंभिक वर्षों में स्वास्थ्य शिक्षा की अनिवार्यता पर जोर देते हुए मेहरा ने कहा कि इसके लिए एक प्रयोग शुरू किया है, जिसके प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक हैं। शिकागो जैसे शहरों में स्कूली बच्चे 50 एक्यूआई में रहकर पढ़ाई करते हैं लेकिन हरियाणा में सामान्य दिनों में एक्यूआई 150 तथा त्यौहारी सीजन व पराली के दिनों में यह 300 से पार हो जाता है। स्वास्थ्य शिक्षा दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने और आने वाली पीढ़ी को स्वास्थ्य विकल्प चुनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

विकास केंद्रित मंच फिजीहा के निदेशक डॉ.नवनीत आनंद ने कहा कि खेलों में हरियाणा की सफलता दर्शाती है कि सही नीतियों के साथ, हमारे बच्चे उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं। इस मॉडल को स्वास्थ्य शिक्षा तक विस्तारित करने का समय आ गया है।

वैज्ञानिक डॉ. मेहरा ने बताया कि उपचार-आधारित स्वास्थ्य देखभाल के विपरीत, निवारक स्वास्थ्य शिक्षा बच्चों को स्वस्थ व्यवहार अपनाना सिखाती है, जिसका लक्ष्य स्वास्थ्य समस्याओं के उत्पन्न होने से पहले ही उनके सामाजिक बोझ को कम करना है। 

मेहरा के अनुसार हरियाणा सरकार के साथ मिलकर तरंग ने एनसीआर क्षेत्र, चंडीगढ़ और जयपुर के 18 निजी स्कूलों में प्रयासों के साथ, 12 सरकारी स्कूलों में एक पायलट कार्यक्रम भी शुरू किया है। यह पहल शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को कवर करती है, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में राज्य के व्यापक कल्याण कार्यक्रमों के अनुरूप है। पायलट प्रोजैक्ट के दौरान स्कूली छात्र स्वास्थ्य विषयों की बेहतर समझ प्रदर्शित कर रहे हैं और स्वस्थ विकल्प चुन रहे हैं।

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