Edited By Manisha rana, Updated: 04 Sep, 2024 11:44 AM
एंटी करप्शन ब्यूरो टीम द्वारा सफाई घोटाले में संलिप्त आठ आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में लगभग 50 हजार पेजों का चालान पेश किया गया है। हालांकि मामले की जांच अभी भी जारी है, टीम द्वारा अब तक घोटाले में संलिप्त पांच ठेकेदारों सहित तीन अधिकारी व कर्मचारियों...
कैथल (जयपाल रसूलपुर) : एंटी करप्शन ब्यूरो टीम द्वारा सफाई घोटाले में संलिप्त आठ आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में लगभग 50 हजार पेजों का चालान पेश किया गया है। हालांकि मामले की जांच अभी भी जारी है, टीम द्वारा अब तक घोटाले में संलिप्त पांच ठेकेदारों सहित तीन अधिकारी व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पकडे गए आरोपियों से ढाई करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी रिकवरी की जा चुकी है। इसमें करीब 16 लाख रुपये की नकदी भी बरामद की है। अभी भी सात अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी होना बाकी है। जिनकी धर पकड़ के लिए उनके ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है। वहीं टीम फरार चल रहे अन्य सात आरोपियों को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी में भी लगी हुई है। ए.सी.बी द्वारा अभी तक एस.डी.ओ, जेई व लेखाकार सहित पांच ठेकेदारों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यदि आरोपी पी.ओ हो जाते हैं तो उनके ऊपर एक और केस दर्ज हो जाएगा। इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि पकडे गये आरोपियों के खिलाफ 23 अगस्त को लगभग 50 हजार पेजों का चालान कोर्ट में पेश किया गया है। इसके बाद फरार चल रहे शेष आरोपियों को पी.ओ घोषित करवाने की कार्रवाई शुरू की गई है। फरार आरोपियों की प्रॉपर्टी अटैच करने के लिए राजस्व विभाग से सभी की प्रॉपर्टी का विवरण मांगा गया है। जिसका रिकॉर्ड आने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इन आरोपियों के खिलाफ किया चालान पेश
ए.सी.बी द्वारा घोटाले के आठ आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान दिया गया है। इनमें पंचायती राज के तत्कालीन एस.डी.ओ नवीन गोयत (जो अब रोहतक में एक्स.ई.एन थे), पंचायती राज के जे.ई जसबीर सिंह, अकाउंटेंट कुलवंत सिंह के साथ पंचायती राज के ठेकेदार गांव फरियाबाद निवासी दिलबाग सिंह, गांव क़ुतुबपुर निवासी अभय संधू, ठेकेदार राजेश पूंडरी, पूंडरी निवासी ठेकेदार अनिल गर्ग सहित ठेकेदार रोहताश का नाम भी शामिल है। ये सभी आरोपी फ़िलहाल जेल में बंद है।
आरोपियों को कोर्ट से भी नहीं मिल रही राहत
सफाई घोटाले में संलिप्त आरोपियों को कोर्ट से भी राहत नही मिल रही है, इनमे जे.ई जयवीर सिंह व साहिल कश्यप ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कैथल कोर्ट में अग्रिम जमानत लगा चुके हैं, लेकिन एंटी करप्शन ब्यूरो टीम द्वारा मजबूती से अपना पक्ष रखते हुए दोनों की अग्रिम जमानत याचिका को कोर्ट से ख़ारिज करवा दिया है। इसके साथ जेल में बंद लेखाकार कुलवंत सिंह ने भी अपनी रेगुलर बेल अप्लाई की थी। उसको भी कोर्ट ने खारिज कर दिया। बताया जा रहा है कि अब कई आरोपियों द्वारा हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई जाएगी। वहीं घोटाले के मुख्य आरोपी डिप्टी सी.ई.ओ जसविंद्र सिंह ने खुद को बेकसूर बताते हुए मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर सरकार को शिकायत दी है।
एक्सईएन की प्रॉपर्टी को किया जा चुका सीज
ए.सी.बी की टीम द्वारा अभी तक नकद राशि की रिकवरी के साथ-साथ घोटाले में शामिल आरोपियों की प्रॉपर्टी को भी सीज किया जा चुका है। इसमें अब तक पंचायती राज के तत्कालीन एक्सईएन नवीन गोयत की पांच कनाल दो मरले जमीन को सीज किया है। आरोपी ने यह जमीन जींद में पी.जी.आई के पास ली हुई थी। इसके अलावा मामले में जितने भी आरोपी हैं सभी की प्रॉपर्टी से संबंधित जानकारी राजस्व विभाग से ली जा रही है। अन्य आरोपियों की प्रापर्टी सीज करने को लेकर भी कार्रवाई की जा रही है।
गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी बदल रहे ठिकाने
लम्बा समय बीत जाने के बाद भी घोटाले के सात आरोपी अभी भी एंटी करप्शन ब्यूरो की पकड़ से बहार हैं। जिनकी धरपकड़ के लिए टीम आरोपियों के ठिकानों पर लगातार रेड कर रही है, लेकिन अभी तक भी बड़े आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, इनमे मुख्य आरोपित डिप्टी सीईओ जसविंद्र सिंह, कमलजीत व सुमित व भाजपा नेता प्रवीण सरदाना का नाम शामिल है। ये सभी आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने पिछले चार महीनो से अपने ठिकाने बदल रहे हैं। टीम आरोपियों के स्वजन से भी कई बार पूछताछ कर चुकी है, लेकिन अभी तक भी उनका कोई सुराग नहीं लग पाया है। ए.सी.बी टीम अब तक एक एस.डी.ओ, जे.ई, क्लर्क सहित पांच ठेकेदारों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
ये था मामला:
बता दें कि वर्ष 2021 के जनवरी माह में जिला परिषद में 31.64 करोड़ रुपये की ग्रांट आई थी। इसमें से 15 करोड़ 82 लाख रुपये सफाई कार्य पर खर्च होने थे। इसमें तालाबों की सफाई, तालाबों में पानी निकासी को लेकर थ्री व फाइव पोंड सिस्टम बनाना, गोबर गैस प्लांट सहित अन्य कार्य होने थे। आरोपियों ने सफाई कार्य पर 10 करोड़ में से तीन करोड़ रुपये ही खर्च किया, अन्य सात करोड़ रुपये का गोलमाल कर दिया। मामले को लेकर जानकारी मिलने पर पंचायतों ने इसकी शिकायत तत्कालीन डी.सी सुजान सिंह को दी थी। इसके बाद पूर्व सी.पी.एस रामपाल माजरा व विधायक लीला राम ने भी यह मामला उठाया था। जिसके बाद इसकी जांच एंटी करप्शन ब्यूरो को दी गई और 27 मई को 15 आरोपियों के खिलाफ ए.सी.बी थाना में केस दर्ज किया गया था।
इन फर्मों के खातों में गई घोटाले की राशि:
1 कमलजीत निवासी किठाना प्रो-दा कैथल सरस्वती कोऑपरेटिव सोसायटी के खाते में 88 लाख 19 हजार 583 रुपए।
2 प्रवीन सरदाना निवासी कैथल प्रो-भारत प्रौजेक्ट के खाते में 1 करोड़ 43 लाख 16 हजार 616 रुपए।
3 अनिल कुमार गर्ग निवासी पूंडरी प्रो-तेजस कांकरेट के खाते में 86 लाख 2 हजार 750 रुपए।
4 दिलबाग निवासी फरियाबाद प्रो-सत्यम कंस्ट्रक्शन के खाते में 1 करोड़ 62 लाख 84 हजार 279 रुपए।
5 सुमित मिगलानी निवासी कैथल प्रो-एयूटीयूएस एग्रोवेट इंडिया के खाते में 92 लाख 99 हजार 338 रुपए।
6 तिलक राज निवासी बारणा जिला कैथल प्रो-एमएस शिव इंटरप्राइजेज के खाते में 1 करोड़ 81 लाख 17 हजार 636 रुपए।
7 रोहताश निवासी ऋषि नगर कैथल प्रो-रोहताश कंस्ट्रक्शन के खाते में 72 लाख 17 हजार 320 रुपए।
8 राजेश गर्ग निवासी अनाज पूंडरी प्रो-वासू कंस्ट्रक्शन के खाते में 41 लाख 79 हजार 654 रुपए।
9 अभय संधू निवासी कुतुबपुर प्रो-लक्ष्मी बिल्डिंग मैटरियल सप्लायर के खाते में 47 लाख 65 हजार 583 रुपए।
10 शुभम किसान पाइप कैथल के खाते में 4 लाख 74 हजार 925 रुपए पेमेंट की गई।
इस घोटाले में पकड़े गए आठ आरोपियों के खिलाफ लगभग 50 हजार पेजों का कोर्ट में चालान पेश किया गया है। इसके साथ ही फरार चल रहे आरोपियों की प्रॉपर्टी अटैच करने की कार्रवाई भी जारी है, शेष आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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