Edited By Yakeen Kumar, Updated: 21 Jun, 2025 09:53 PM

अविश्वास प्रस्ताव के विरोध के एवज में कथित तौर पर 50 लाख रुपये रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जितेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कैथल (जयपाल रसूलपुर) : चीका नगरपालिका में उपाध्यक्ष पूजा शर्मा के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव के विरोध के एवज में कथित तौर पर 50 लाख रुपये रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। इस मामले में वार्ड नंबर 8 निवासी विजय कुमार पुत्र सुभाष चंद ने विजिलेंस विभाग अंबाला में शिकायत दी है, जिसमें वार्ड-14 के पार्षद जितेंद्र पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है। शिकायत के आधार पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जितेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
विजय कुमार ने बताया कि उसका परिवार ईंट-भट्ठे का व्यवसाय करता है और वह चीका नगरपालिका की चेयरपर्सन डॉ. रेखा रानी और उपाध्यक्ष पूजा शर्मा को अपनी बहन मानता है। उन्होंने कहा कि चेयरपर्सन और उपाध्यक्ष उसे पूरा विश्वास देती हैं और नगरपालिका से संबंधित कई कार्यों की जिम्मेदारी उसी को सौंपी जाती है। विजय ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ समय से नगरपालिका में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई थीं। इस बीच वार्ड-14 के पार्षद जितेंद्र, वार्ड-12 के पार्षद हरीश बब्बू और वार्ड-9 के पार्षद राजेश ठाकुर ने विजय से संपर्क कर कहा कि वे अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेंगे और नगरपालिका के विकास कार्यों में सहयोग देंगे, लेकिन इसके बदले उन्होंने 60 लाख रुपये की मांग की।
विजिलेंस को सौंपे सबूत
विजय के मुताबिक, बातचीत के बाद यह राशि घटाकर 50 लाख रुपये तय कर दी गई और इन पार्षदों ने 6 लाख रुपये एडवांस देने की मांग की। 23 मार्च, 2025 को पार्षद जितेंद्र ने विजय से मुलाकात कर पूरी राशि नकद देने की शर्त रखी और कहा कि किसी को भनक नहीं लगनी चाहिए, वरना वे अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन कर देंगे। विजय ने यह भी बताया कि इस पूरी घटना की जानकारी उसने डॉ. रेखा रानी और पूजा शर्मा को दी, जिन्होंने उसे भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संपर्क करने की सलाह दी। विजय ने विजिलेंस को सबूत के तौर पर एक रिकॉर्डिंग क्लिप भी सौंपी, जिसमें आरोपियों की बातचीत दर्ज है। इसी के आधार पर विजिलेंस ने जांच शुरू करते हुए वार्ड-14 के पार्षद जितेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
रिश्वत मांगने की बात सामने आई है- जांच अधिकारी
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उप-केंद्र कैथल के निरीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि शिकायत की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर रिश्वत मांगने की बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल आरोपी पार्षदों को शक हो गया है और संभव है कि अब वे पैसे न लें, लेकिन शिकायतकर्ता विजय की मांग पर और साक्ष्यों के आधार पर धारा-7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। निरीक्षक ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच जारी है और यदि किसी अन्य व्यक्ति की भूमिका सामने आती है, तो उसके खिलाफ भी कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
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