Edited By Manisha rana, Updated: 06 Aug, 2025 09:23 AM

हरियाणा की राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एस.एच.ए.) ने कहा है कि राज्य सरकार से 4 अगस्त, 2025 को बजट प्राप्त हो गया है और पैनलबद्ध अस्पतालों को पहले आओ, पहले पाओ (एफ. आई. एफ.ओ.) के आधार पर आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बकाया पैसे का...
चंडीगढ़ : हरियाणा की राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (एस.एच.ए.) ने कहा है कि राज्य सरकार से 4 अगस्त, 2025 को बजट प्राप्त हो गया है और पैनलबद्ध अस्पतालों को पहले आओ, पहले पाओ (एफ. आई. एफ.ओ.) के आधार पर आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बकाया पैसे का भुगतान शुरू कर दिया गया है। राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय चिकित्सा संघ (आई.एम.ए.) द्वारा 28 जुलाई, 2025 को एक पत्र जारी किया गया था जिसमें आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बकाया भुगतानों का हवाला देते हुए 7 अगस्त, 2025 से इस योजना के तहत सेवाओं को रोकने की बात कही गई थी।
इस संदर्भ में, एस. एच.ए. ने कहा है कि राज्य सरकार की तरफ से 4 अगस्त को बजट प्राप्त हो गया है और उसी के अनुसार अब पैनलबद्ध अस्पतालों को पहले आओ, पहले पाओ (एफ.आई.एफ.ओ.) के आधार पर भुगतान करना शुरू कर दिया गया है। हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने मई 2025 के पहले सप्ताह तक पैनलबद्ध अस्पतालों द्वारा प्रस्तुत दावों का निपटान और भुगतान कर दिया है। योजना की शुरूआत से अब तक अस्पतालों को कुल 2900 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान, 16 जुलाई, 2025 तक राज्य और केंद्र सरकारों से 240.63 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है और पात्र दावों के निपटान के लिए इसका पूर्ण उपयोग किया जा चुका है।
एन.ए.वी.एच. प्रोत्साहनों के लिए नए आवेदन करने वाले अस्पतालों को एच.ई.एम. 2.0 पोर्टल से दस्तावेज पेश करने होंगे
एस.एच.ए. ने भुगतान में देरी, दावा अस्वीकृति और दावों का प्रसंस्करणन करने संबंधी अस्पतालों द्वारा उठाई गई शिकायतों का संज्ञान भी लिया है। अब तक पैनलबद्ध अस्पतालों की 400 से अधिक शिकायतों को औपचारिक रूप से सी.जी.आर.एम. एस. 2.0 पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत किया जा चुका है। इस प्लेटफॉर्म का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में अस्पतालों का समर्थन करने के प्रयास में, एस.एच.ए. ने अस्पताल प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए है। अस्पतालों के पैनलमैट और एन. ए. बी. एच. प्रोत्साहनों के संबंध में, वे सभी अस्पताल जिन्होंने एन.ए.बी.एच. प्रोत्साहन आवेदन प्रस्तुत किए थे और जिन्हें पूर्ववर्ती एच.ई. एम. 1.0 पोर्टल के माध्यम से अनुमोदन प्राप्त हुआ था, प्रोत्साहन के लिए पात्र बने रहेंगे, बशर्ते उनके एन.ए.बी.एच. प्रमाणपत्र वैध हो। एन.ए.बी.एच. प्रोत्साहनों के लिए नए सिरे से आवेदन करने वाले अस्पतालों को एच.ई.एम. 2.0 पोर्टल के माध्यम से अद्यतन दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। ऐसे आवेदनों की समीक्षा ए.वी. एच.एच.पी.ए., एस.एच.ए., हरियाणा के कार्यालय द्वारा प्राथमिकता के आधार पर की जाती है।
एन. एच.ए. के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से 50 डाक्टरों की टीम करती है दावों का निपटान
पैनलबद्ध अस्पतालों द्वारा प्रस्तुत दावों का निपटान एन. एच. ए. के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से 50 डाक्टरों की एक टीम द्वारा किया जाता है। सभी कटौतियां एन.एच.ए. के दिशा-निर्देशों के अनुसार सख्ती से की जाती है और कटौती केवल तभी की जाती है जब पर्याप्त नैदानिक औचित्य या दस्तावेजीकरण का अभाव हो। किसी भी अस्वीकृति या कटौती से पहले, अस्पतालों को आवश्यक सहायक दस्तावेज जैसे कि वाइटल चार्ट, नैदानिक चित्र, ओटी नोट्स और परीक्षण रिपोर्ट अपलोड करने का अवसर दिया जाता है। यदि कोई अस्पताल किसी कटौती से असहमत है तो वह पोर्टल के माध्यम से अपील दायर कर सकता है। इन अपीलों की समीक्षा एक निर्दिष्ट चिकित्सा लेखा परीक्षा समिति द्वारा की जाती है।
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