Edited By Manisha rana, Updated: 01 Aug, 2025 10:25 AM

हरियाणा में हीमोफीलिया जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी से जूझ रहे 900 से अधिक मरीजों को सरकारी अस्पतालों में जरूरी इंजैक्शन तक नहीं मिल पा रहे हैं।
चंडीगढ़ : हरियाणा में हीमोफीलिया जैसी गंभीर और जानलेवा बीमारी से जूझ रहे 900 से अधिक मरीजों को सरकारी अस्पतालों में जरूरी इंजैक्शन तक नहीं मिल पा रहे हैं। इस स्थिति को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार को 10 दिन के भीतर उचित कदम उठाकर जवाब दायर करने का आदेश दिया।
वीरवार को सुनवाई दौरान याची के वकील ने इस मामले में कोर्ट के नोटिस के बाद भी कोई उचित कार्रवाई न होने की कोर्ट को जानकारी दी। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने इस पर सरकार को 10 दिन के भीतर उचित कदम उठाकर जवाब दायर करने का आदेश दिया।
याचिका में पलवल निवासी विकास शर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि इस रोग के मरीजों को मुफ्त इलाज देने के लिए सरकार नीति भी लेकर आई थी। मरीज को एक इंजैक्शन लगाना पड़ता है जो एंटी हीमोफीलिया डोज होती है। बाजार में इसकी कीमत करीब 12 हजार रुपए है। राज्य के अधिकतर जिला अस्पतालों में यह इंजैक्शन उपलब्ध ही नहीं है। याचिका में सरकार पर मुफ्त इलाज की जिम्मेदारी से भागने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट से अपील की गई कि इस गंभीर मुद्दे पर राज्य को ध्यान देने के लिए उचित आदेश जारी किए जाए।
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