Edited By vinod kumar, Updated: 28 Jan, 2020 10:22 AM
इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि कभी ‘देसां मैं देस हरियाणा, जित दूध दही का खाणा’ नामक कहावत से मशहूर हरियाणा प्रदेश अब गठबंधन सरकार की अनदेखी से गर्त में डूबा जा रहा है। सरकार ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो वो दिन भी दूर नहीं जब प्रदेश ‘नशे...
चंडीगढ़(बंसल): इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि कभी ‘देसां मैं देस हरियाणा, जित दूध दही का खाणा’ नामक कहावत से मशहूर हरियाणा प्रदेश अब गठबंधन सरकार की अनदेखी से गर्त में डूबा जा रहा है। सरकार ने समय रहते ध्यान नहीं दिया तो वो दिन भी दूर नहीं जब प्रदेश ‘नशे के धंधे’ में शिखर पर होगा।
इनैलो नेता ने बताया कि 28 नवम्बर, 2019 को मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिख चेताया था कि दूध-दही का प्रदेश पंजाब से भी आगे ‘उड़ता हरियाणा’ बनता जा रहा है। उन्होंने बताया कि उक्त पत्र में मुख्यमंत्री को ऐलनाबाद हलके में नशे का व्यापार करने वाले व्यक्तियों के नाम तक भी अंकित किए थे जो राजनीतिक संरक्षण के तहत युवा वर्ग को नशे की गर्त में दिन-ब-दिन धकेल रहे हैं।
नशा करने वाले मरीजों के लिए अस्पतालों में कोई पुख्ता प्रबंध नहीं
इनैलो नेता ने बताया कि महेंद्रगढ़, दादरी, भिवानी, झज्जर और जींद आदि जिलों में नशा करने वाले मरीजों के लिए अस्पतालों में कोई पुख्ता प्रबंध नहीं हैं। हरियाणा पुलिस केवल ड्रग माफिया को नसीहत देती है कि लोग नशे का कारोबार छोड़ें या फिर हरियाणा, परंतु अधिकारियों के भी हाथ बंधे हैं क्योंकि राजनीतिक संरक्षण के तहत व्यापार करने वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई के लिए अधिकारी भी संकोच करते हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में ड्रग्स के 2653 केस दर्ज किए गए और लगभग 3287 व्यक्ति गिरफ्तार किए गए परंतु पुलिस नशा करने वाले व्यक्तियों को पकड़ लेती है जो नशे की खेप बाहर से लाकर युवाओं में बांटते हैं उन पर हाथ डालना अधिकारियों के बस की बात नहीं। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि गृह मंत्री नशे के कारोबार करने वालों को नियंत्रण करने में पहल करने के लिए तैयार हैं परंतु जब तक गठबंधन की सरकार की नीयत और नीति में अंतर रहेगा, तब तक यह धंधा पहले की तरह ही चलता रहेगा।