Edited By Isha, Updated: 29 Aug, 2024 02:12 PM
हरियाणा के करनाल में विदेश भेजने के नाम पर 18 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई है। पीड़ित अपने भतीजे और रिश्तेदारों को स्टडी वीजा पर आस्ट्रेलिया भेजना चाहता था। आरोपी एजेंट ने उनसे पैसे ले लिए, लेकिन कोई वीजा नहीं लगवाया। जब
करनाल: हरियाणा के करनाल में विदेश भेजने के नाम पर 18 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई है। पीड़ित अपने भतीजे और रिश्तेदारों को स्टडी वीजा पर आस्ट्रेलिया भेजना चाहता था। आरोपी एजेंट ने उनसे पैसे ले लिए, लेकिन कोई वीजा नहीं लगवाया। जब पैसे वापिस मांगे तो आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। इतना ही नहीं, आरोपी ने बच्चों के दस्तावेजों के दुरूपयोग करने तक की धमकी भी। मुख्य आरोपी मौका पाकर विदेश भाग गया। पुलिस ने धोखाधड़ी और धमकी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की गहराई से जांच कर रही है।
जानिए क्या है पूरा मामला
करनाल के प्रीतम नगर निवासी गुरचरण सिंह ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसकी बेटी कोमल एक कोचिंग सेंटर में पढ़ाती थी, जहां एक महिला छात्रा मनजीत पढ़ाई करती थी। मनजीत ने गुरचरण की बेटी को बताया कि उसका भाई सुखबीर उर्फ सुखी और उसके सहयोगी विदेश भेजने का काम करते हैं और कई बच्चों को विदेश भेज चुके हैं। मनजीत ने गुरचरण की बेटी को आश्वासन दिया कि यदि कोई बच्चा विदेश जाना चाहता है, तो वे उसे कम पैसों में भेज देंगे।
गुरचरण सिंह अपने भतीजे तरनदीप सिंह, साले के बेटे रोहित और दामाद के भाई अनमोल को स्टडी वीजा पर विदेश भेजना चाहता था। वह एजेंट सुखबीर और उसके सहयोगियों से मिला। जिसने ऑस्ट्रेलिया स्टडी वीजा के लिए प्रति कैंडिडेट 15 लाख रुपये मांगे। 45 लाख रुपए में डील फाइनल हो गई। जिसके बाद जून 2021 में सभी के डॉक्यूमेंट और 18 लाख रुपए अलग-अलग डेट में आॅनलाइन और ऑफलाइन ट्रांजैक्शन के माध्यम से दिए गए।
बताया गया था कि 2022 तक वीजा मिल जाएगा। दिसंबर 2021 में एजेंट सुखबीर विदेश भाग गया। जब पीड़ित परिवार ने वीजा की स्थिति के बारे में पूछताछ की, तो उन्हें पता चला कि सुखबीर भाग चुका है। इसके बाद आरोपी ने वीजा देने का आश्वासन देते हुए लगातार समय बर्बाद किया। 30 अप्रैल 2022 को पीड़ित परिवार ने पंचायत की और फैसला किया कि सुखबीर के पिता ने पैसे लौटाने का वादा किया, लेकिन अभी तक पैसे नहीं लौटाए गए।