गिरनार फाउंडेशन ने विश्व संरक्षण दिवस मनाने के लिए ‘‘सो टु ग्रो’’ पहल शुरू की

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 31 Jul, 2024 04:47 PM

girnar foundation launches so to grow initiative on world conservation day

इस पहल का उद्देश्य 50 हजार सीड बॉल्स के विकास एवं वितरण को बढ़ावा देना है कारदेखो के 1000 कर्मचारियों ने इस पहल में स्वेच्‍छा से काम किया कार देखो की यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों 11 और 13 की तर्ज पर शुरू की गई है

गुड़गांव, (ब्यूरो): कार देखो ग्रुप की सीएसआर इकाई, गिरनार फाउंडेशन ने इस साल विश्व संरक्षण दिवस मनाने के लिए “सो टू ग्रो” पहल शुरू की है। इस प्रभावशाली परियोजना को सफल बनाने में 1000 से अधिक कर्मचारियों ने स्‍वेच्‍छा से प्रयास किए। इसके नतीजे के तौर पर जयपुर और गुड़गांव में 50 हजार से ज्यादा सीड बॉल्स का विकास और वितरण किया गया। यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों (यूएनएसडीजी) 11 और 13 के प्रति फाउंडेशन की प्रतिबद्धता पर जोर देती है, जिसका लक्ष्य स्थायी शहरों और समुदायों का निर्माण करना और जलवायु परिवर्तन की दिशा में उचित कदम उठाना है।

 

 

बड़े पैमाने पर शुरू की गई इस “सो टु ग्रो” पहल का उद्देश्य जैवविविधता और लक्षित क्षेत्रों में पेड़-पौधे लगाकर हरियाली को बढ़ाना, स्थानीय इकोसिस्टम को बरकरार रखना और उसे नई जिंदगी देना है। सीड बॉल्स फसलों को बिगड़ते मौसम के प्रकोप से बचाने के लिए स्वच्छ पर्यावरण के अनुकूल बनाए गए बीज, मिट्टी और खाद के छोटे-छोटे गुच्छे होते हैं। इससे फसलों के अंकुरण की दर को बढ़ावा मिलता है। यह जमीन को ज्यादा प्रभावी रूप से और बड़े पैमाने पर फसलों को उगाने में सक्षम बनाते हैं। खेतों में सीड बॉल्स का बड़े पैमाने पर छिड़काव बंजर जमीन को फिर से फसल उगाने का एक आसान, लेकिन प्रभावी तरीका है। इससे मिट्टी की स्थिरता को बढ़ावा मिलता है। वायु की गुणवत्ता बढ़ती है। यह स्थानीय वन्य जीवों के आवास बनाने में भी योगदान देता है।   

 

 

जुलाई के पूरे महीने में बड़े पैमाने पर चलाई गई इस परियोजना की शुरुआत पीपल, कदंब, और बबूल के सीड बॉल्‍स बनाने से हुई। इसके बाद गुड़गांव में घाटा हिलटॉप और अरावली पहाड़ियों के साथ जयपुर में नाहरगढ़ और चुलगिरी में सीड बॉम्बिंग कैम्‍पेन चलाया गया। फाउंडेशन ने सीड बॉल्‍स बनाने और उनके वितरण के लिए जयपुर में उदयन केयर एनजीओ से भी साझेदारी की।  

 

गिरनार फाउंडेशन की प्रमुख पीहू जैन ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “गिरनार फाउंडेशन में हम केवल बेहतर भविष्य का सपना ही नहीं देखते बल्कि हम सक्रिय रूप से उसका निर्माण कर रहे हैं।  एक महीने लंबी इस परियोजना में 1000 से ज्यादा कर्मचारियों और उदयन केयर एनजीओ के अविश्वसनीय प्रयासों ने वास्तविक अंतर लाने के हमारे समर्पण को उजागर किया है। वर्ष 2050 तक कार्बन तटस्थता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए कदम बढ़ाते हुए हम अगली पीढ़ी के लीडर्स में नए-नए आविष्कार करने की लगन और जिम्मेदारी के बीज बो रहे हैं। हमारा लक्ष्य सकारात्मक प्रभाव की श्रृंखला बनाना है, जहां आज किए गए कार्यों से भविष्य में सभी के लिए ज्यादा स्थिर विश्व का निर्माण किया जा सकेगा।’

 

गिरनार फाउंडेशन “सो टु ग्रो” को एक सालाना इवेंट के रूप में देखता है, जिसका उद्देश्य लगातार अपनी पहुंच और प्रभाव बढ़ाना है। यह पहल गिरनार फाउंडेशन के पिछले प्रयासों पर आधारित है, जिसमें  ग्रो बिलियन ट्रीज और थिंक गुड फाउंडेशन के सहयोग से 12,000 पेड़ लगाए गए और 700 इनडोर पेड़ों को गोद लिया गया। ये पिछले प्रयास मौजूदा समय में “सो टु ग्रो” पहल से पूरी तरह तालमेल रखते हैं। इससे गिरनार फाउंडेशन के पर्यावरण संरक्षण और समुदाय को सशक्त बनाने के बहुआयामी नजरिए की झलक मिलती है।  

 

गिरनार फाउंडेशन के विषय में :
गिरनार फाउंडेशन कारदेखो ग्रुप की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) इकाई है, जो लगातार स्थायी विकास और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने पर ध्‍यान देता है। 2022 में स्थापित यह संगठन नागरिक सामाजिक संगठनों और सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग से स्थायी प्रभाव पैदा करने का प्रयास करता है। फाउंडेशन शिक्षा, स्वास्थ्यरक्षा, पर्यावरण और सामुदायिक विकास समेत कई सामाजिक मुद्दों पर कार्य करता है।

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