Edited By Updated: 19 Jul, 2016 12:06 PM

एक तरफ प्रदेश सरकार खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन देने के लिए ईनामों की बौछार कर रही है। वहीं दूसरी ओर कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं
करनाल(मदान): एक तरफ प्रदेश सरकार खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन देने के लिए ईनामों की बौछार कर रही है। वहीं दूसरी ओर कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जिनकी प्रतिभा दबकर रह गई है। पैसे की कमी के कारण खिलाड़ी आगे बढऩे से वंचित हो रहा है। हम बात कर रहे हैं। गांव कैरावली के रहने वाले 21 वर्षीय अमर की।
अमर पिछले 10 साल से कबड्डी खेल रहा है। ग्रामीण स्तर पर वह कई बार सम्मानित भी हो चुका है। अब उसे और प्रशिक्षण लेने के लिए किसी एकैडमी में जाना है, लेकिन उसके पास पैसे नहीं हैं। पैसे की कमी अमर की कबड्डी रेड में रोड़ा बनी हुई है। अमर ने बताया कि उसके पिता मेहनत-मजदूरी करते हैं और वह किसी प्राइवेट एकैडमी में उसे कबड्डी की कोचिंग नहीं दिलवा सकते, क्योंकि प्राइवेट एकैडमी में प्रति माह 5 से 7 हजार रुपए का खर्च आता है, जिसके लिए वह सक्षम नहीं है।
अमर ने बताया कि यदि उसे सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाए और उसका दाखिला सरकारी एकैडमी में करवा दिया जाए तो वह और भी अच्छा खेल सकता है। अमर इससे पहले 2012 में मुंबई में आयोजित नैशनल प्रतियोगिता में भाग ले चुका है। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न जिलों में होने वाले कबड्डी के खेलों में वह करनाल का प्रतिनिधित्व कर चुका है।
खेल अधिकारी कर रहे हैं मदद
अमर ने बताया कि वह आर्थिकतौर पर कमजोर है, लेकिन खेल अधिकारी उसकी मदद कर रहे हैं। उनकी मदद से ही वह 2-3 प्रतियोगिताओं में भाग ले चुका है, लेकिन अब वह आगे बढऩा चाहता है। इसके लिए सरकारी एकैडमी में प्रशिक्षण लेना होगा। वहीं, इसके बारे में जब खेल अधिकारी सत्यदेव मलिक से फोन किया गया तो उन्होंने बताया कि वह शहर से बाहर हैं।