Edited By Shivam, Updated: 16 Mar, 2020 09:58 PM
मैदानी क्षेत्र के साथ पहाड़ों में कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते हथनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़े जाने से नदी के अंदर खड़ी हजारों एकड़ तरबूज, खरबूज व सब्जियों की फसलें डूब गई हैं। यमुना में बोई गई 20 हजार एकड़ फसलों में से लगभग...
पानीपत (अनिल): मैदानी क्षेत्र के साथ पहाड़ों में कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते हथनी कुंड बैराज से यमुना नदी में पानी छोड़े जाने से नदी के अंदर खड़ी हजारों एकड़ तरबूज, खरबूज व सब्जियों की फसलें डूब गई हैं। यमुना में बोई गई 20 हजार एकड़ फसलों में से लगभग 10 हजार एकड़ सब्जियों व तरबूज, खरबूज आदि पानी में डूबने से बर्बाद हो गई। जिससे हजारों किसानों का करोड़ों रूपए का नुकसान हुआ है।
शनिवार देर रात यमुना का जल स्तर बढऩा शुरू हुआ जो रविवार दोपहर बाद तक डेढ़ लाख क्यूसेक चेतावनी लेवल से 230.00 के नजदीक पहुंच गया। केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक देर रात तक चेतावनी स्तर के निशान के पास बह सकता है। इससे यमुना नदी के अंदर खड़ी करीब 20 हजार एकड़ मेंं से 10 हजार एकड़ फसल डूब चुकी है। फसल डूबने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर दिखाई दे रही है।
उल्लेखनीय है कि पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश व हथनीकुंड बैरज से लगभग एक लाख 45 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया। पानीपत जिले के सनौली यमुना पुल पर पानी की सुबह से ही बढ़ोत्तरी शुरू हो गई थी जोकि देर शाम तक बढ़ती रही। लगातार यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर किसानों की यमुना नदी के अंदर खड़ी घीया, पेठा, मिर्च, ईख, ज्वार के अलावा तरबूज, खरबूज आदि फसलें पानी से जलमग्र हो गई हैं।