Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 21 May, 2022 01:32 PM
यदि आपके घर किराएदार लंबे समय से रह रहे हो तो सावधान हो जाओ। ऐसा न हो कि यह किराएदार आपके मकान की रजिस्ट्री अपने नाम करा ले। ऐसा ही मामला डीएलएफ फेज-2 थाना पुलिस ने दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गुड़गांव, (पवन कुमार सेठी): यदि आपके घर किराएदार लंबे समय से रह रहे हो तो सावधान हो जाओ। ऐसा न हो कि यह किराएदार आपके मकान की रजिस्ट्री अपने नाम करा ले। ऐसा ही मामला डीएलएफ फेज-2 थाना पुलिस ने दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस के मुताबिक, अल्मोड़ा उत्तराखंड निवासी अिनल कुमार ने बताया कि उसने वर्ष 2000 में ऑकवुड एस्टेट में फ्लैट खरीदा था जिसकी रजिस्ट्री चार वर्ष बाद हो गई थी। फ्लैट की देखरेख के लिए उसने अपने परिचित गोविंद व उसकी पत्नी को दे दिया। तीन साल बाद अचानक उसे वापस अल्मोड़ा जाना पड़ा और वह मकान की देखरेख का जिम्मा गोविंद व उसकी पत्नी दीपा को सौंप गया। वर्ष 2015 में गोविंदा की मौत हो गई। ऐसे में उसने दीपा से मकान खाली नहीं कराया। इसके बाद दीपा व परिवार के अन्य सदस्य इस फ्लैट में रह रहे थे।
अनिल को रुपयों की जरूरत थी। ऐसे में उसने इस मकान को सिविल लाइन एरिया निवासी अक्षय गुप्ता को बेच दिया। फ्लैट बेचने से पहले ही उसने दीपा को इसे खाली करने के लिए कह दिया। आरोप है कि पहले तो दीपा ने फ्लैट खाली करने के लिए 2 से तीन महीने का समय मांगा, लेकिन बाद में उसने यह कहकर खाली करने से इंकार कर दिया कि यह फ्लैट उसके पति का था जो अब उसके नाम पर है। इस पर अनिल ने पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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