Edited By Manisha rana, Updated: 08 Aug, 2024 08:44 AM
पुराने समय में बरसात का पानी इकट्ठा करने के लिए गांवों में जोहड़ों का निर्माण कराया गया था जहां रेवाड़ी के गांव पीथड़ावास का जोहड़ अब ग्रामीणों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया हैं। जोहड़ में भरे गंदे पानी से उठती दुर्गंध लोगों के लिए जी का जंजाल बन गई...
रेवाड़ी (महेंद्र भारती) : पुराने समय में बरसात का पानी इकट्ठा करने के लिए गांवों में जोहड़ों का निर्माण कराया गया था जहां रेवाड़ी के गांव पीथड़ावास का जोहड़ अब ग्रामीणों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया हैं। जोहड़ में भरे गंदे पानी से उठती दुर्गंध लोगों के लिए जी का जंजाल बन गई हैं। इतना ही नहीं गंदे पानी से भरे जोहड़ अब मवेशियों की मौत का कारण भी बनते जा रहें हैं। जोहड़ के समीप बने घरों पर भी अब खतरा मंडराने लगा हैं।
गांव पीथड़ावास की 80 वर्षीय सुरजो देवी का कहना हैं कि मेरा घर पानी के बिलकुल साथ में होने की वजह से हर वक्त खतरा बना रहता हैं। डर के साए में जी रहे ग्रामीणों का कहना हैं कि रात को अपने घरों में सुरक्षित सोने के बाद वह अपने आप को महफूज नहीं समझते हैं। क्योंकि रात में मिट्टी का कटाव होने के बाद घर भी पानी में समा सकते हैं। इसलिए जिंदगी और मौत का फासला अब बहुत करीब हो चुका हैं। जोहड़ के गंदे और बदबूदार पानी से तरह-तरह की बीमारियां भी फैल रही है। अब तक गांव के कई पशु इस पानी में डूब कर मर चुके हैं। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाते हुए जोहड़ में भरे गंदे पानी को खाली कराने को मांग की हैं। अब देखना होगा कि ग्रामीणों को इस गंदे पानी से भरे जोहड़ से बचाने में जिला प्रशासन इनकी मदद करता हैं या फिर इन्हें यूं ही मौत के साए में जीने को मजबूर होना पड़ेगा।
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