Edited By Manisha rana, Updated: 08 Feb, 2025 09:33 AM
![strong winds increased the chill frost started forming](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_09_31_067039439mausam-ll.jpg)
सर्दी का मौसम लोगों के लिए बीमारियां पैदा करने वाला बन गया है। कई दिनों तक धुंध का दंश झेलने के बाद अब सुबह के समय पाला जमने लगा है।
पानीपत : सर्दी का मौसम लोगों के लिए बीमारियां पैदा करने वाला बन गया है। कई दिनों तक धुंध का दंश झेलने के बाद अब सुबह के समय पाला जमने लगा है। उसके बाद तेज धूप निकलने के बाद भी दिन में तेज गति से हवाएं चलने लगी हैं। तेज हवाओं के कारण धूप का असर भी कम हो रहा है।
तापमान की बात करें तो अधिकतम तापमान 23 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सैल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया। यहां पर यह बताने योग्य है कि पिछले कई दिनों से न्यूनतम तापमान जहां पर 12 से 13 डिग्री पर पहुंच गया था जोकि तेज हवाएं चलने के कारण अब 8-9 डिग्री सैल्सियस पर आ गया है। इसका अर्थ यह है कि अभी सर्दी और बढ़ने की उम्मीद है। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ का असर समाप्त हो गया है जिसके कारण एक बार फिर से तापमान में गिरावट आई है। वहीं पर न्यूनतम तापमान में 4 डिग्री तक की गिरावट आ चुकी है। इसके कारण ही सुबह के समय पाला जमने और दिन ठंडी हवाओं का दंश झेलना पड़ रहा है। हालांकि धूप निकलने के बाद लोगों को हल्की राहत मिली।
गौरतलब है कि 2 व 3 फरवरी को मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने का अनुमान लगाया था जिसके कारण कहीं-कहीं पर बूंदाबांदी हुई थी और हवाएं चलने लगी थीं लेकिन अब इसका असर खत्म होते ही हवाओं ने भी अपना रूख बदल लिया है।
कई दिनों तक चलेंगी हवाएं
मौसम विभाग ने बताया कि हालांकि दिन में तेज धूप खिली रहेगी, लेकिन उसके बाद तेज हवाएं भी चलने लगी। शुक्रवार को 26.3 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हैं और आगे इससे भी तेज हो सकती हैं। सुबह और शाम को कड़ाके की ठंड का अहसास होता रहेगा।
बढ़ रही ठंड से किसान भी खुश, लेकिन हवाएं चलने से फसलों के गिरने का भी खतरा
जनवरी माह के आखिरी दिनों में तापमान बढ़ गया था जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई थी। लेकिन अब फिर से ठंड बढऩे के कारण किसान खुश नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार अभी 16 या 17 फरवरी के आसपास पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। और बरसात हो सकती हैं। पानीपत जिले में करीब 80 से 85 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल उगाई गई है।
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