जनता की सुरक्षा के लिए अगर हमें आने वाले समय में सख्त फैंसले लेनेे भी पडे तो कोई बुराई नहीं: रत्नलाल कटारिया

Edited By Isha, Updated: 11 Oct, 2020 04:26 PM

safety of the public we have to take strict decisions in the coming time

भाजपा के कद्दावर नेताओं में शुमार अंबाला लोकसभा के सांसद एवं  केंद्रीय जल शक्ति सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रतन लाल कटारिया  का कहना है कि कोरोना को हल्के में मत लो। केंद्र सरकार की गाइडलाइन की पालना करें। यह जनता के फायदे की बात है। हमारे हक...

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): भाजपा के कद्दावर नेताओं में शुमार अंबाला लोकसभा के सांसद एवं  केंद्रीय जल शक्ति सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रतन लाल कटारिया  का कहना है कि कोरोना को हल्के में मत लो। केंद्र सरकार की गाइडलाइन की पालना करें। यह जनता के फायदे की बात है। हमारे हक की बात है। वायरस कभी भी किसी भी समय हमारे तक अपनी पहुंच बना सकता है। हमारे बाद हमारे परिवार और हमारे बच्चों तक अपनी पहुंच बना सकता है। हमारी छोटी सी लापरवाही हमारे परिवार के लिए बड़ा संकट बन सकती है और देश की जनता के लिए उनके भविष्य के लिए उनकी सुरक्षा के लिए अगर हमें आने वाले समय में सख्त फैंसले लेनेे भी पडे तो कोई बुराई नहीं है। 


कटारिया ने कहा कि हथिनी कुंड बैराज में इतना पानी उपलब्ध नहीं है इसलिए हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल की सरकारों से हमारा मंत्रालय बातचीत कर रहा है कि उन्होंने अपने डैम बनाने के लिए जो भी एम.ओ.यू. साइन किए हैं।इनसे प्रदेश-देश की राजनीति के साथ नमामि गंगे सफाई अभियान और कॉविड को लेकर सरकार की लापरवाही या आगामी तैयारी को लेकर चर्चा हुई। इस बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैंः-


प्रशनः- अनलॉक पीरियड में जनता द्वारा सरकार की गाइडलाइन का पालना न करना क्या भविष्य के लिए खतरे का संकेत है
उतरः-
जैसे-जैसे आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं, लापरवाई बडी है। जनता सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने को गंभीरता से नहीं ले रही है जिसके घातक परिणाम हो सकते हैं। प्रधानमंत्री जी ने भी जनता से आह्वान किया है कि जब तक दवाई नहीं-तब तक दिलाई नहीं। हम युद्ध स्तर पर अभियान चला रहे हैं। बैनर, पोस्टर, होल्डिंग के माध्यम से हम स्कूल-कॉलेजों, संस्थाओं, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और सरकारी कार्यालयों में जाकर जागरूकता अभियान चला रहे हंै।

प्रशनः- ऐसी चर्चा है कि जैसे-जैसे कोविड के मामले बढ़ रहे हैं, वैसे- वैसे टेस्टिंग कम कर दी गई है
उत्तरः-
डेढ लाख टेस्ट रोजाना किए जा रहे हैं। हम 4 माह में 8 करोड टेस्ट कर चुके हैं। जनवरी में कोरोना जांच के लिए देश में केवल पुणे में 1 लैब थी। जो कि आज 90 की जा चुकी है। पहले केवल एम्स में ही कोविड-19 के इलाज की सुविधा थी। आज हमने 75 अस्पतालों को एम्स का दर्जा दिया और कोविड-19 की सुविधाएं दी। मोदी जी ने जन जागरण अभियान का आह्वान किया है सभी सांसदों, मंत्रियों, विधायकों को हिदायतें दी हैं कि जनता के बीच में जाएं और प्रतिष्ठित लोग जैसे जो लोग अवार्ड प्राप्त हो चुके हैं, वकील हैं, डॉक्टर हैं, टीचर हैं, रिटायर्ड आई.ए.एस. आई.पी.एस. अधिकारी हैं इन लोगों की मदद लें और जनता को जागरूक करें।

प्रशनः- विपक्ष आवाज उठा रहा है कि कोविड पेशेंट को न तो सरकारी अस्पताल ले रहे हैं ना ही प्राइवेट
उत्तरः-
सरकार हर कोविड पेशेन्ट का इलाज करने के लिए ढृढसंकल्पित है और सरकार आवश्यक कदम उठा रही है।

प्रशनः- गंगा सफाई अभियान चलाया था। यमुना हरियाणा में से निकलती है। क्या उद्धार किया
उत्तरः-
नमामि गंगे सफाई अभियान के तहत 28 हजार करोड़ की योजनाएं गंगा जल को शुद्ध बनाने के लिए शुरू की। 319 योजनाएं बनाई गई जिसमें से 150 पूरी हो चुकी हैं। बाकियों पर काम चल रहा है। हम उस दिशा में काम कर रहे हैं कि आने वाले समय में ऐसे कदम उठाए जाएं यमुना की निर्मलता को बनाए रखने के लिए उसमें इ-फलो के माध्यम से पानी चलाया जाए। आज हथिनी कुंड बैराज में इतना पानी उपलब्ध नहीं है इसलिए हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल की सरकारों से हमारा मंत्रालय बातचीत कर रहा है कि उन्होंने अपने डैम बनाने के लिए जो भी एम.ओ.यू. साइन किए हैं। उन्हें जल्द पूरा किया जाए। उसके बाद पर्याप्त मात्रा में हथिनी कुंड बैराज में पानी आ जाएगा और जमुना में की तरफ कदम बढ़ाए जाएंगे।

प्रशनः- इसमे पानी न आने का क्या कारण मानते हैं। क्या पड़ोसी राज्यों ने पानी ज्यादा रोका है
उत्तरः-
पर्याप्त मात्रा में पानी न हो पाने की वजह से केवल 4 माह यमुना का फलो बन पाता है। कभी तो आठ लाख क्यूसिक तक पानी आ जाता है और बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं और कभी बिल्कुल भी नहीं आता। हमारा मंत्रालय 123 डैम देख रहा हैं। जो भरे पड़े हैं। लेकिन आपने मेरे संज्ञान में हथिनी कुंड बैराज में चार- पांच फुट ही पानी की बात बताई है मैं 3 माह पहले ही हथनीकुंड गया था। जिन शहरों से गंदा पानी आता था उसके निरीक्षण की रिपोर्ट भी मैंने मंत्रालय को दी थी।

प्रशनः- तीन अन्य देशों को लेकर आप की लोकसभा में अंबाला सिटी के विधायक असीम गोयल ने अपनी सरकार के खिलाफ ही विधानसभा के बाहर धरना लगा दिया था। क्या कहेंगे
उत्तरः-
उन्होंने सरकार के खिलाफ धरना नहीं लगाया था। मैंने उन्हें परसों रात अपने निवास पर बुलाया था। नायब सैनी सांसद भी मेरे पास थे। जिसमें असीम गोयल ने बताया कि मैं सरकार या मुख्यमंत्री के खिलाफ नहीं हूं। मेरी शिकायत एक अधिकारी पी.के. दास से है जो कि इस मामले में पूरी धांधली कर रहा है। जिसमें मैंने असीम को समझाया कि सत्तारूढ़ दल का एक सिस्टम होता है। जिसे आप अपनाइए और अपनी बात मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाइए और आज मुझे पेपर में पढ़ने को मिला है कि सी.एम. ने सभी सेक्रेट्रीज को आदेश दिए हैं कि हफ्ते में 2 दिन सभी विधायकों की सुनें।

प्रशनः- मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि अधिकारी तो केवल आदेशों की पालना करते हैं और आदेश वो देते हैं। इसे क्या समझा जाए
उत्तरः-
यह घर का मामला है। मैंने असीम को समझा दिया है। असीम आगे ऐसी कोई भी बात नहीं करेंगे।

प्रशनः- अध्यादेश मामले में राहुल की ट्रैक्टर यात्रा और बीजेपी की ट्रैक्टर यात्रा को किस नजरिए से देखते हैं। कैसे तुलना करते हैं
उत्तरः-
भाजपा की ट्रैक्टर यात्रा किसानों को समझाने के लिए निकाली जा रही है। सरकार का सीधा स्टैंड है किसान की आय दुगनी करनी है। यह फैसला किसानों के हित में लिया हुआ फैसला है। मंडी से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक किसान की पहुंच बनाने के लिए लिया गया फैसला है। किसान की एक सुई के बराबर भूमि को भी कोई छू नहीं पाएगा ऐसा फैसला है। कांट्रैक्ट फार्मिंग में किसान के नुक्सान करने और उल्लघंना में दंडात्मक कार्यवाही के लिए लिया गया फैसला है। एम.एस.पी. थी, है और रहेगी। हर साल हर फसल पर स्वामीनाथन रिपोर्ट का अनुसरण करते हुए एम.एस.पी. को बढ़ाने का भी काम हमारी सरकार चलती रहेगी।

प्रशनः- अनलॉक में प्रधानमंत्री की अपील के बाद क्या यह माना जाए कि कोविड की अनदेखी करने वाले लोगों के खिलाफ सरकार सख्ती कर सकती है
उत्तरः-
हम यही कहेंगे कि कोरोना को हल्के में मत लो। केंद्र सरकार की गाइडलाइन की पालना करें। यह जनता के फायदे की बात है। हमारे हक की बात है। वायरस कभी भी किसी भी समय हमारे तक अपनी पहुंच बना सकता है। हमारे बाद हमारे परिवार और हमारे बच्चों तक अपनी पहुंच बना सकता है। हमारी छोटी सी लापरवाही हमारे परिवार के लिए बड़ा संकट बन सकती है और देश की जनता के लिए उनके भविष्य के लिए उनकी सुरक्षा के लिए अगर हमें आने वाले समय में सख्त फैंसले लेनेे भी पडे तो कोई बुराई नही है। 

 

 

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