Edited By Manisha rana, Updated: 24 Oct, 2022 11:38 AM
अगर हिम्मत नहीं हारी तो फिर मदद के लिए हाथ बढ़ाने वाले भी मिल ही जाते है। ऐसा ही कुछ रेवाड़ी की रहने वाली नौ साल की मासूम हिमानी के साथ हुआ...
रेवाड़ी : अगर हिम्मत नहीं हारी तो फिर मदद के लिए हाथ बढ़ाने वाले भी मिल ही जाते है। ऐसा ही कुछ रेवाड़ी की रहने वाली नौ साल की मासूम हिमानी के साथ हुआ। बताया जा रहा है कि जब वह 10 महीने की थी तभी ऐसी बीमारी ने उसे घेर लिया कि अपनी जिदंगी बचाने के लिए मिन्नते करनी पड़ी। उसके परिवार के पास इलाज पर खर्च करने के लाखों रुपए भी नहीं थे।
बता दें कि गांव मामड़िया आसमपुर निवासी अजयपाल प्राइवेट स्कूल की बस चलाता है। नौ साल पहले उनके घर में बेटी हिमानी का जन्म हुआ था। 10 माह की थी तभी उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई। पहले रेवाड़ी के ही अस्पतालों में दिखाते रहे, लेकिन बात नहीं बनी। उसके बाद किसी मददगार की सहायता से दिल्ली स्थित एम्स में बच्ची को डॉक्टर्स के पास लेकर पहुंचे तो पता चला कि बच्ची के दिल में छेद है।
डॉक्टर्स ने बताया कि कई छोटे बच्चों के दिल में इस तरह के छेद पाए जाते है। लेकिन 9 साल की उम्र पूरी होने के बाद बच्चे का शरीर खुद मजबूत होने के बाद इसका असर कम हो जाता है। एम्स के डॉक्टर्स के पास काफी माह तक बच्ची की दवाईयां चली। कुछ माह पहले ये दवाईयां बंद कर दी गई। बीमारी ठीक होने की बजाए बढ़ती चली गई।
हिमानी की मां रीना ने बताया कि उनकी बच्ची चौथी कक्षा में पढ़ती है। कुछ दिन पहले क्लास रूम में ही बच्ची को अचानक छाती में दर्द उठा। बच्ची को रेवाड़ी के ही प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने बताया कि हिमानी के दिल में जो छोटा छेद था वह बढ़कर अब 2 सेंटी मीटर का हो चुका था। साथ ही डॉक्टर ने कहा कि अगर एक महीने में बच्ची का ऑपरेशन नहीं कराया तो फिर उसकी जान भी जा सकती है। बच्ची के ऑपरेशन के लिए 7 से 10 लाख रुपए खर्चा बताया गया था। परिवार के पास इलाज के लिए फूड़ी कोड़ी नहीं थी। इस बीच उनके ही गांव के रहने वाले उदवीर नाम के व्यक्ति ने खोरी निवासी अनूप के बारे में जानकारी दी और बताया कि उनकी टीम बच्ची के इलाज के लिए मदद कर सकती है।
खोरी निवासी अनूप सिंह सीआरपीएफ में कार्यरत है और फिलहाल वह डेपुटेशन पर गृहमंत्रालय में कार्यरत है। अनूप ने कहा कि कुछ दिन पहले जब वह हिमानी से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे तो उसकी बातें सुनकर उनकी भी आंखे भर आई। बच्ची के पास सिर्फ एक ही जवाब था अंकल मुझे जीना है। छोटी दीपावली के दिन बच्ची के दिल का सफल ऑपरेशन किया। हिमानी अब पूरी तरह ठीक है। रविवार को जब दिल का सफल ऑपरेशन होने के बाद जब हिमानी घर पहुंची तो मां और पिता की आंखे भर आई। हिमानी के माता-पिता ने ने पूरी टीम का आभार प्रकट करते हुए डॉक्टर्स का आभार जताया।
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