पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन को दिया झटका

Edited By vinod kumar, Updated: 06 Feb, 2020 07:29 PM

punjab and haryana high court gives a shock to private school association

मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाओं के संचालन को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन को झटका दिया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार की शिकायत पर हरियाणा मौलिक...

चंडीगढ़(धरणी): मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाओं के संचालन को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन को झटका दिया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार की शिकायत पर हरियाणा मौलिक शिक्षा निदेशालय ने नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं के संचालन के लिए अलग से महिला एवं बाल विकास विभाग से मान्यता की शर्त लगाते हुए भविष्य में बिना अनुमति के कक्षाओं में बच्चों के दाखिले नहीं किए जाने के आदेश जारी किए थे। 

इन आदेशों के खिलाफ दिसंबर माह में हरियाणा प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर ट्रस्ट हिसार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी। इसी मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने भी 5 फरवरी को हाईकोर्ट में एक एप्लीकेशन लगाई थी। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल ने बताया कि वीरवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई और उच्च न्यायालय ने बृजपाल परमार को भी इस मामले में शामिल करने के लिए हरियाणा प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर ट्रस्ट हिसार व प्रदेश सरकार को नोटिस कर दिया है। 

अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट के समक्ष तथ्य रखे जाएंगे और इन कक्षाओं के संचालन के एक्ट की भी कोर्ट को जानकारी दी जाएगी। बृजपाल परमार ने मौलिक शिक्षा निदेशालय को दी शिकायत में अवैध रूप से 8600 प्ले स्कूलों का संचालन किए जाने के आरोप लगाए थे। इसी शिकायत पर विभाग ने नए शिक्षा सत्र से बिना प्ले स्कूलों की मान्यता के कक्षाओं के संचालन पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे। 

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने प्ले स्कूलों की मान्यता संबंधी महिला एवं बाल विकास विभाग से भी आरटीआई मांगी थी। जिसके जवाब में महिला एवं बाल विकास विभाग ने खुद प्रदेशभर में 3471 अवैध प्ले स्कूलों के संचालन की बात कबूली है, जबकि प्रदेशभर में केवल 71 प्ले स्कूलों की ही मान्यता विभाग द्वारा जारी की गई है। बृजपाल परमार ने बताया कि उनका संगठन निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर मौलिक शिक्षा निदेशालय के समक्ष शिकायतें दी थी। 

जिस पर मौलिक शिक्षा निदेशालय ने भी स्पष्ट कर दिया था कि कक्षा पहली से बारहवीं तक मान्यता शिक्षा विभाग देगा। अगर कोई निजी स्कूल नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी की कक्षाएं लगाएगा तो उसे महिला एवं बाल विकास विभाग से मान्यता लेनी होगी। मगर प्रदेशभर में 8600 अवैध प्ले स्कूल अभिभावकों को गुमराह कर अवैध रूप से नर्सरी, एलकेजी व यूकेजी कक्षाओं का संचालन कर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। 

ये है प्रदेश भर के जिलों में प्ले स्कूलों की स्थिति

जिला        कुल प्ले स्कूल मान्यता वाले प्ले स्कूल
कुरुक्षेत्र                         47 01
सिरसा                         102 00
रेवाड़ी                         329 08
करनाल                        80 00
गुरुग्राम                          735 00
हिसार                         282 00
कैथल                         33 00
झज्जर                         45 00
अंबाला                         132 01
सोनीपत                     195 41
भिवानी                         81 01
पानीपत                         108 00
फतेहाबाद                     275 00
जींद                         132 00
पंचकूला                    110 00
रोहतक                         86 14
मेवात                         18 00
नारनौल                     75 00
पलवल            65 00
यमुनानगर                     341 00
फरीदाबाद                      200 00

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