विधानसभा चुनाव से पहले पानीपत में शुरू हुआ रेवड़ियों का दौर, जनता को लुभाने पर करोड़ों खर्च कर रहे नेता

Edited By Saurabh Pal, Updated: 30 Jul, 2024 04:32 PM

preparations for haryana assembly elections are in full swing

हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। चाहे बात बीजेपी की हो या फिर कांग्रेस की, सभी जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े चुनावी वायदे और घोषणाएं कर रहे हैं। अगर हम समालखा विधानसभा की बात करें तो यहां चुनावी घोषणा और वायदे तो किये ही...

समालखा (सचिन शर्मा): हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। चाहे बात बीजेपी की हो या फिर कांग्रेस की, सभी जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े चुनावी वायदे और घोषणाएं कर रहे हैं। अगर हम समालखा विधानसभा की बात करें तो यहां चुनावी घोषणा और वायदे तो किये ही जा रहे हैं, साथ ही साथ चुनाव से पहले जनता को लुभाने के लिए कई तरह के गिफ्ट, फ्री सुविधाएं  और उन्हें गंगा स्नान भी करवाए जा रहे हैं। समालखा विधानसभा में जिस प्रकार चुनाव से पहले ही इतने खर्चे जनता पर किए जा रहे हैं, इससे तो ऐसा लगता है कि इन नेताओं को न तो विधायक बनने की जरूरत है और ना ही किसी सरकार का हिस्सा बनने की जरूरत है। आज हम समालखा विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरे दो प्रत्याशियों के बारे में बात करते हैं, जो समय से पहले ही समालखा की जनता को लुभाने के लिए रोजाना लाखों रुपए खर्च कर रहे हैं।

2019 में हारने के बाद इस बार फिर हुंकार भर रहे रविंद्र मछरौली

पहले नंबर पर हम बात करते हैं समालखा विधानसभा से 2014 में चुने गए पूर्व विधायक रविंद्र मछरौली की, जो साल 2019 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़े थे। लेकिन अब 2024 के चुनावी मैदान में हुंकार भर रहे हैं। रविंद्र मछरौली इस बार खुलकर चुनावी मैदान में उतरे हैं और 2024 के चुनाव को 2014 के विधानसभा चुनाव जैसा बता रहे हैं। उनका कहना है कि जो समीकरण साल 2014 के विधानसभा चुनाव में बने थे, वहीं समीकरण इस बार भी बन रहे हैं और इस चुनाव में भी उन्हीं की जीत होगी। वही रविंद्र मछरोली के चुनाव लड़ने का पैटर्न भी 2014 जैसा ही दिखाई दे रहा है। रविंद्र मछरौली ने 2014 का चुनाव जीतने के लिए मतदान से पहले ही लोगों को लुभाने के लिए फ्री एम्बुलेंस, फ्री बस सेवा, फ्री पानी के टैंकर, बेटी की शादी में सहयोग ,कानों की मशीन, सिलाई मशीन आदि की शुरुआत कर दी थी। इतना ही नहीं, रविंदर मछरौली अपने हलके की जनता पर इतने मेहरबान हो गए थे कि चक्की में आटा भी फ्री में पीसकर लोगों को दिया करते थे। रविंद्र मछरोली की लोगों को लुभाने के लिए फ्री में सुविधा बांटने की यह ट्रिक 2014 के चुनाव में कारगर भी साबित हुई थी और रविंदर मछरौली ने बड़ी-बड़ी पार्टियों के नेताओं को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर धूल चटाने में कामयाबी हासिल की थी। हालांकि चुनाव जीतने के बाद रविंदर मछरौली ने फ्री में बांटी जा रही सभी सुविधाओं को बंद करवा दिया था, जिससे लोगों में काफी नाराजगी भी देखने को मिली थी।

सैकड़ों लोगों को रोज खाना खिलाते हैं मछरौली

अब साल 2024 के होने वाले विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए भी रविंद्र मछरौली इसी पैटर्न पर काम कर रहे हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि जनता को लुभाने का इससे बढ़िया तरीका कोई नहीं है। उन्होंने इस बार साल 2014 के चुनाव  से भी ज्यादा खर्चा चुनाव से पहले ही करना शुरू कर दिया है। बता दें कि रविंद्र मकरोली ने अपने विधानसभा हल्के में पांच एंबुलेंस, गंगा स्नान के लिए करीब एक दर्जन बसें, शादी-ब्याह या किसी अन्य कार्यक्रम के लिए पानी के टैंकर जनता को समर्पित कर रखे हैं। इतना ही नहीं, मछरौली  के कार्यालय पर सैकड़ों लोग खाना भी खाते हैं और चाय भी पीते हैं। कोई गरीब व्यक्ति उनके दरवाजे पर आता है तो उन्हें हर संभव मदद भी दी जाती है। पूर्व विधायक रविंद्र मकरोली फ्री में बांटी जाने वाली सुविधाओं पर गर्व भी करते हैं और कहते हैं कि उनकी इन फ्री की सुविधाओं को प्रदेश के कई नेता अपना चुके हैं।

बीजेपी से दो बार चुनाव हारने के बाद इस बार फिर मैदान में शशिकांत कौशिक

अब हम बात करते हैं शशिकांत कौशिक की, जो भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर दो बार समालखा विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं, लेकिन इनके हौसले अब तक नहीं टूटे हैं। शशिकांत कौशिक लगातार चुनावी मैदान में डटे हुए हैं और लगातार जनता की सेवा करने का दावा कर रहे हैं। शशिकांत कौशिक अपने आप को नेता कम, समाजसेवी ज्यादा बताते हैं और इसी की आड़ में वे समालखा विधानसभा क्षेत्र में लोगों को लुभाने के लिए सबसे ज्यादा गिफ्ट वितरित करते हैं। समालखा विधानसभा में हर रविवार को शशिकांत कौशिक के गिफ्ट समालखा की जनता को दिए जाते हैं, चाहे वह गिफ्ट कंबल, चादर, वाटर कूलर, एयर कूलर, चलती फिरती रसोई, छात्रों के लिए लाइब्रेरी, एम्बुलेंस समेत तमाम सुविधाएं समालखा की जनता को दे रहे हैं। इस बार शशिकांत कौशिक आर या पार की लड़ाई लड़ रहे हैं, इसलिए वह इस चुनाव में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं। हालांकि शशिकांत कौशिक मीडिया में खुलेआम चुनाव लड़ने से मना करते दिखाई देते है। शशिकांत कौशिक कहते हैं कि वह चुनाव के लिए नहीं, बल्कि समाज सेवा के लिए यह सब काम कर रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब इन नेताओं की सब कुछ फ्री में बांटने और हर सुविधा फ्री में मुहैया करवाने की क्षमता है और चुनाव से पहले जनता की सेवा करने में सक्षम हैं तो इन्हें विधायक बनने की जरूरत ही नहीं।

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