Edited By Naveen Dalal, Updated: 02 Aug, 2019 09:32 PM
हिसार के हांसी के गांव बड़सी के बिट्टू की जहर निगलने से मौत हो गई है। मगर यह सुसाइड किसी और कारण से नहीं बल्कि पुलिस की प्रताड़ना से तंग होकर की गई है। जहर निगलने के बाद युवक को हिसार के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई...
हिसार (विनोद सैनी): हिसार के हांसी के गांव बड़सी के बिट्टू की जहर निगलने से मौत हो गई है। मगर यह सुसाइड किसी और कारण से नहीं बल्कि पुलिस की प्रताड़ना से तंग होकर की गई है। जहर निगलने के बाद युवक को हिसार के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए शव को सिविल अस्पताल भिवजा दिया है। बिट्टू को लगतार तीन दिनों से पुलिस थाने में उठाकर ले जाती थी। सवाल पर सवाल किए जाते थे और मानसिक रूप से प्रताडि़त कर शाम को वापस घर जाने के लिए कह दिया जाता था। कुछ ऐसे ही आरोप मृतक के परिजनों ने लगाए हैं।
मृतक के भाई ने हांसी सदर थाना के पांच पुलिसकर्मियों पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया है। बिट्टू को उस गुनाह की सजा मिली जो उसने किया ही नहीं। बिट्टू के बड़े भाई पर चार महीने पहले लड़की को भगा ले जाने का आरोप है। पुलिस बिट्टू से कहती थी कि तुझे अपने भाई और साथ ले जाने वाली लड़की का पता है। उनका एड्रेस बता दे। बिट्टू ने बार-बार मना किया कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मगर पुलिस ने उसकी एक न सुनी।
पुलिस बिट्टू को 29, 30, 31 जुलाई को अलसुबह उठाकर घर से थाने ले जाती और रात तक पूछताछ करके घर भेज देती, कहती फिर से आना होगा। बिट्टू इस तनाव को झेल न सका और उसने तंग हो जहर खाकर अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर ली।बिट्टू के पिता राजेंदर उर्फ़ सुरेन्द्र ने बताया कि वह अविवाहित था और हांसी मे एक फैक्टरी में काम करता था। सुरेन्द्र ने कहा पुलिस पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए और कार्रवाई की जाए नहीं तो वो अपनी भाई के शव को नहीं उठाएंगे।
गिरफ्तारी पर अङे परिजन
परिजनों ने कहा कि जब तक सभी आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी नहीं होती तब तक वो मृतक का शव नहीं लेंगे। वही बवानी खेडा पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए पांच पुलिस कर्मियोंके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।