3 सूत्रीय एजैंडे पर चलेगा आप्रेशन दुर्गा

Edited By Updated: 08 May, 2017 10:15 AM

operation durga will run on 3point agenda

प्रदेश में बेटियां और महिलाएं हर जगह महफूज हों, इसके लिए अब हरियाणा पुलिस ने 3 सूत्रीय कार्य योजना बनाई

चंडीगढ़/जींद(पांडेय):प्रदेश में बेटियां और महिलाएं हर जगह महफूज हों, इसके लिए अब हरियाणा पुलिस ने 3 सूत्रीय कार्य योजना बनाई है। इस कार्य योजना को सफल बनाने की जिम्मेदारी हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (लिटिगेशन एंड ह्यूमैन राइट्स) ओ.पी. सिंह को दी गई है। हरियाणा में घर, सड़कों, कार्य स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए शुरू हुआ आप्रेशन दुर्गा अब तीन सूत्रीय एजैंडे पर चलेगा। हरियाणा पुलिस अब युवाओं को डंडों के बजाय शिक्षित करने की दिशा में काम करेगी। इसके लिए पुलिस की ओर से कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। जिलों में इस अभियान को कार्यरूप में लाने का जिम्मा खास तौर से महिला पुलिस स्टेशनों के डी.एस.पी. और एस.एच.ओ. को सौंपा गया है। पिछले 1 मई से शुरू हुए इस अभियान में पुलिस को काफी सफलता मिली है और अब एक सप्ताह के बाद सोमवार को पुलिस के उच्चाधिकारी आप्रेशन दुर्गा को रिव्यू करेंगे।

सोशल मीडिया पर आ रहा है रिस्पांस : ओ.पी. सिंह
हरियाणा में आप्रेशन दुर्गा की कमान संभाल रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कहा कि आप्रेशन दुर्गा को लेकर सोशल मीडिया पर जो मुहिम शुरू की गई है उसका बेहतर रिस्पांस आ रहा है। समाज के सभी वर्ग विद्यार्थी, वकील, डाक्टर, टीचर, इंजीनियर, व्यवसायी, डाक्टर व खिलाड़ी पुलिस की इस मुहिम में जुड़कर युवाओं को शिक्षित करना चाहते हैं।

पुलिस अधीक्षकों को ये दिए गए हैं निर्देश 
छेड़छाड़ ग्रस्त इलाकों की पहचान एवं सुरक्षा। वहां सूचना/चेतावनी बोर्ड, सी.सी.टी.वी. का इंस्टालेशन, सादे कपड़े में महिला पुलिसकर्मी और वर्दीधारी गस्त की तैनाती।

यूथ अगेंस्ट सैक्सुअल हरैस्मैंट के मेंटॉर और वालंटियर की सहायता से जागरूकता अभियान। इसका उद्देश्य छेड़छाड़ और महिला शोषण के खिलाफ आम जनमत मजबूत करना एवं विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इस संदर्भ में लोगों के व्यवहार और नजरिए में फर्क लाना।

साहसिक खेलों में सहभागिता, आत्मरक्षा प्रशिक्षण, पब्लिक स्पीकिंग प्रशिक्षण, डर के प्रति तथ्यपरक, सकारात्मक नजरिए का विकास, कौशल विकास प्रशिक्षण इत्यादि के माध्यम से लड़कियों एवं महिलाओं को सशक्त और भयमुक्त बनाना।

इन बिंदुओं पर अब काम करेगी पुलिस 
छेड़छाड़ ग्रसित इलाकों की पहचान 
अंतर-स्कूल-कालेज-कोचिंग सैंटर प्रतियोगिता के माध्यम से महिलाओं के लिए सूचना पट्ट (महिला थाना, महिला हैल्पलाइन, महिला पी.सी.आर. का कांटैक्ट नंबर) एवं संभावित मनचलों और शोहदों के लिए चेतावनी बोर्ड (509, 294 आई.पी.सी. जेल, कोई एन.ओ.सी./चरित्र प्रमाण पत्र नहीं) के आकर्षक डिजाइन का चयन, इंस्टालेशन।
स्थानीय व्यापारी, संस्थान संचालक, विभाग से बात कर सी.सी.टी.वी. का इंस्टालेशन। सार्वजनिक स्थानों पर चेतावनी भरा बोर्ड कि यह क्षेत्र सी.सी.टी.वी. की निगरानी में है।
सादे कपड़े में पुलिसकर्मियों द्वारा मनचलों की धरपकड़।
समय और स्थान के अनुरूप वर्दीधारी पुलिसकर्मी एवं पी.सी.आर. की तैनाती।
यूथ अगेंस्ट सैक्सुअल हरैस्मैंट अभियान के तहत हर जिले में कम से कम 5 हजार वालंटियर और मेंटॉर का पंजीकरण।
यूथ अगेंस्ट सैक्सुअल हरैस्मैंट के फेसबुक को लाइक और ट्विटर हैंड्ल को फॉलो करने के लिए अधिकाधिक को प्रोत्साहन।
ईव टीचिंग सर्वे में अधिकाधिक भागीदारी।
स्कूल, कालेजों और पंचायतों को अधिकाधिक लड़कियों को साहसिक खेलों (रिवर राफ्टिंग, रोक क्लाइम्बिंग, ट्रैकिंग, पर्वतारोहण, पाराग्लाइडिंग इत्यादि) में भागीदारी के लिए प्रेरणा।
पुलिस विभाग एवं प्राइवेट पार्टनरशिप में लड़कियों केलिए अधिकाधिक सेल्फ-डिफैंस ट्रेनिंग कैंप को आयोजन।
डिबेट, पब्लिक स्पीकिंग प्रतियोगिता के माध्यम से भय के बारे में इंफार्म्ड नजरिए के विकास के लिए स्कूलों, कालेजों, पंचायतों को प्रेरित करना।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के जिला स्तरीय संचालकों से एम.ओ.यू. कर घरेलू हिंसा के शिकार महिलाओं को आत्मनिर्भर होने में सहायता करना।

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