विधानसभा भंग होने पर 15 दिनों में नहीं किया MLA फ्लैट खाली, तो इतना लग सकता है जुर्माना

Edited By Manisha rana, Updated: 07 Oct, 2024 12:54 PM

mla does not vacate the flat within 15 days after dissolution of the assembly

हरियाणा एमएलए हॉस्टल के साथ ही एमएलए फ्लैट भी बने हुए हैं। एमएलए फ्लैट नए और पुराने दो प्रकार के हैं। यह एमएलए फ्लैट एक विधायक को एक अलॉट होता है। इन्हें अलॉट करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष के पास होता है।

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा एमएलए हॉस्टल के साथ ही एमएलए फ्लैट भी बने हुए हैं। एमएलए फ्लैट नए और पुराने दो प्रकार के हैं। यह एमएलए फ्लैट एक विधायक को एक अलॉट होता है। इन्हें अलॉट करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष के पास होता है। दो या तीन बेडरूम, ड्राइंगरूम, कीचन, शौचालय उसमें उपलब्ध रहते हैं। ऐसे विधायक जो मंत्री नहीं बन पाते और सत्ता पक्ष के होते है, वह ज्यादातर एमएलए फ्लैट लेना पसंद करते हैं। विपक्ष के विधायकों की भी यहीं स्थिति रहती है कि वह एमएलए फ्लैट लेकर खुश रहते हैं। इनमें कुछ फ्लैट्स चंडीगढ़ प्रशासन तो कुछ हरियाणा के अधीन आते हैं।चं डीगढ़ के मध्य में स्थित होने के कारण एमएलए फ्लैट से हरियाणा सचिवालय, हरियाणा विधानसभा, सुखना लेक और अन्य प्रमुख स्थान ज्यादा दूर नहीं है। 

दो प्रकार के फ्लैट की सुविधा

हरियाणा विधानसभा के लिए चुनकर आने वाले विधायकों को दो प्रकार के फ्लैट की सुविधा मुहैया कराई जाती है। एमएलए हॉस्टल में हरियाणा के विधायकों के लिए कुल 66 फ्लैट बनाए गए हैं। इनमें यूटी के तहत 22 फ्लैट और हरियाणा के तहत 44 फ्लैट आते हैं। इनमें किराए के लिहाज से भी दो कैटेगिरी है। इनकी देखरेख और मरम्मत का खर्च हरियाणा सरकार को उठाना पड़ता है। 66 फ्लैट्स में से यूटी के तहत आने वाले जिन 22 फ्लैट्स को हरियाणा के विधायकों को अलॉट किया जाता है, उनका किराया 375 रुपए है। इनमें 300 रुपए किराया और 75 रुपए गैराज और कर्मचारी कक्ष का किराया है। 

दो फ्लैट में डिस्पेंसरी

हरियाणा के विधायकों के लिए यूटी के अधिकार क्षेत्र में आने वाले 22 फ्लैट्स में से 2 में डिस्पेंसरी है। इन फ्लैट को छोड़कर शेष 20 फ्लैट को हरियाणा के विधायकों को किराए पर दिया जाता है।

दूसरी कैटेगिरी में 1000 रुपए किराया

हरियाणा में फ्लैट नंबर 61 से 72 तक जो हरियाणा द्वारा बनाए गए एमएलए फ्लैट है, उनका किराया मात्र एक हजार रुपए है।  नियमानुसार अगर निवर्तमान विधायक सरकारी आवास 15 दिन के भीतर खाली नहीं करेगा तो उसे निर्धारित मासिक किराए से डेढ़ सौ गुना ज्यादा फाइन जमा करवाना पड़ेगा।

तीसरी कैटेगिरी में 1200 रुपए किराया

इसके अलावा एमएलए हॉस्टल में तीसरी कैटेगिरी का किराया 1 हजार रुपए है। इसके अतिरिक्त 200 रुपए गैराज या फिर कर्मचारी कक्ष के वसूल किए जाते हैं।

जारी किए गए आदेश

विधानसभा भंग होने के बाद सभी दलों के विधायकों को सरकारी आवास खाली करने के लिए विधानसभा की ओर से लिखित में नोटिस कर दिया गया था। सभी को कहा गया था कि 15 दिन के भीतर उन्हें सरकारी आवास खाली करना होगा। 

दोबारा चुने जाने पर रहती है फ्लैट की नियमितता

किसी भी विधायक के दोबारा अपने क्षेत्र से निर्वाचित होने की सूरत में उस विधायक की ओर से एमएलए फ्लैट में लिए गए फ्लैट को उनके नाम से नियमित कर दिया है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से इसकी अनुमति आसानी से प्रदान कर दी जाती है।

देना पड़ेगा 150 गुणा ज्यादा किराया

हरियाणा विधानसभा के स्पेशल सचिव रहे रामनारायण यादव ने बताया कि यदि कोई विधायक सरकारी आवास खाली करने संबंधी नोटिस जारी होने के 15 दिन के भीतर आवास खाली नहीं करता है तो उसे किराए की 150 गुणा राशि जमा करानी पड़ती है। इस राशि को माफ करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष और हरियाणा के किसी भी अधिकारी, राजनेता यहां तक की राज्यपाल को भी नहीं है। इस राशि को केवल पंजाब के राज्यपाल ही माफ कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अब तक पूर्व में अंबाला से चुनकर आए शिव प्रसाद की जुर्माना राशि ही माफ हो पाई है। एम एल ए हॉस्टल के इंचार्ज चंद्र शर्मा का कहना है कि हरियाणा के एमएलए फ्लैट खाली करने की तारीख निकली जाने पर, भंग विधानसभा के विधायकों को 150 गुणा ज्यादा जुर्माना देना पड़ सकता है।

 

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