Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 07 Aug, 2025 08:51 PM
नगर निगम गुरुग्राम ने शहर में लंबे समय से चली आ रही सीवरेज समस्या के स्थायी समाधान के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। निगमायुक्त प्रदीप दहिया की अध्यक्षता में वीरवार को आयोजित सीवरेज मॉनिटरिंग सेल की समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि अप्रैल...
गुड़गांव, (ब्यूरो): नगर निगम गुरुग्राम ने शहर में लंबे समय से चली आ रही सीवरेज समस्या के स्थायी समाधान के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। निगमायुक्त प्रदीप दहिया की अध्यक्षता में वीरवार को आयोजित सीवरेज मॉनिटरिंग सेल की समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि अप्रैल 2026 तक गुरुग्राम के सभी प्रभावित क्षेत्रों में सीवरेज समस्याओं का स्थाई समाधान कर दिया जाएगा। बैठक में लगभग 40 स्थानों की सीवरेज स्थिति की समीक्षा की गई। निगमायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तय समयसीमा के भीतर सभी स्थानों पर स्थायी समाधान सुनिश्चित करें। जब तक स्थाई समाधान नहीं हो जाता, तब तक नागरिकों को अस्थायी राहत उपलब्ध कराने में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए।
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गांवों और कॉलोनियों में होगा विशेष फोकस
बैठक में खासतौर पर नगर निगम सीमा के भीतर स्थित गांवों की सीवरेज समस्याओं के स्थाई समाधान पर फोकस किया गया। इनमें बसई, नाहरपुर रूपा, खांडसा, कादीपुर, झाड़सा, तिघरा, घाटा, चक्करपुर, कन्हई, मोहम्मदपुर झाड़सा, नरसिंहपुर, बेगमपुर खटौला और बंधवाड़ी आदि शामिल थे। इसके अतिरिक्त विभिन्न शहरी कॉलोनियों में भी समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए, जिनमें राजेंद्रा पार्क, ओम नगर, शांति नगर, हीरानगर, शिवजी पार्क, लक्ष्मी गार्डन, जैकबपुरा, सुशांत लोक (ब्लॉक-सी), इंदिरा कॉलोनी, सेक्टर-57 (जी ब्लॉक), सेक्टर-42, 43, सेक्टर-40, मोहयाल कॉलोनी, कादीपुर औद्योगिक क्षेत्र, सेक्टर-10, शक्ति पार्क और सरस्वती इनकलेव शामिल हैं।
सीवरेज लाइन सफाई और नई लाइन बिछाने के निर्देश
निगमायुक्त दहिया ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी क्षेत्रों में सीवरेज लाइनों की सफाई सुनिश्चित की जाए और जहां आवश्यक हो, वहां नई लाइनें डालने के एस्टीमेट बनाने व टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाए। निगम का लक्ष्य है कि 30 अप्रैल 2026 तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएं, ताकि शहर में सीवरेज ओवरफ्लो या जाम की समस्या समाप्त हो सके।
अवैध सीवरेज कनेक्शनों पर सख्त कार्रवाई
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि औद्योगिक व वाणिज्यिक इकाइयों द्वारा अवैध रूप से एमसीजी की सीवरेज लाइनों से जोड़े गए कनेक्शन तत्काल हटाए जाएं। इसके लिए एक सप्ताह का विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसके पश्चात संबंधित अभियंता यह प्रमाणित करेंगे कि उनके क्षेत्रों में सभी अवैध कनेक्शनों पर कार्रवाई पूर्ण हो चुकी है।
हर 15 दिन में समीक्षा, जिम्मेदारी
सीवरेज कार्यों की निगरानी के लिए हर 15 दिन में सीवरेज मॉनिटरिंग सेल की समीक्षा बैठक की जाएगी। इसमें प्रगति रिपोर्ट रखी जाएगी और अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा कार्य में लापरवाही पाई जाती है, तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सीवरेज व ड्रेनेज सर्विसेज को जीआईएस आधारित मैप पर चिन्हित करने के निर्देश
निगमायुक्त ने सभी कनिष्ठ व सहायक अभियंताओं को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्रों में सीवरेज व ड्रेनेज नेटवर्क को जीआईएस लैब के माध्यम से डिजिटल मैप पर चिह्नित करें। इस मैपिंग में अंदरूनी लाइनों के मास्टर लाइन से कनेक्शन, क्षमता, सामग्री और डिस्पोजल की जानकारी भी दर्ज की जाएगी। सहायक अभियंता स्वयं जाकर ग्राउंड रियलिटी की जांच करेंगे। बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त यश जालुका और रविन्द्र यादव, चीफ टाउन प्लानर संजीव मान, चीफ इंजीनियर विजय ढाका, कार्यकारी अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता उपस्थित रहे।