Edited By Isha, Updated: 07 Aug, 2025 12:23 PM

आखिरकार प्रदेश सरकार के साथ सूचीबद्ध 675 निजी अस्पतालों में बुधवार रात 12 बजे से आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का इलाज बंद कर दिया गया। बुधवार रात आईएमए हरियाणा और सूचीबद्ध निजी अस्पताल संचालकों की ऑनलाइन बैठक में यह फैसला लिया गया।
चंडीगढ़: आखिरकार प्रदेश सरकार के साथ सूचीबद्ध 675 निजी अस्पतालों में बुधवार रात 12 बजे से आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का इलाज बंद कर दिया गया। बुधवार रात आईएमए हरियाणा और सूचीबद्ध निजी अस्पताल संचालकों की ऑनलाइन बैठक में यह फैसला लिया गया।
इससे पहले दिन में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने आईएमए पदाधिकारियों के साथ बैठक की और इलाज बंद न करने की अपील की लेकिन बात नहीं बनी। प्रदेश के 675 निजी अस्पतालों के आयुष्मान योजना के तहत किए गए इलाज के करीब 700 करोड़ रुपये सरकार के पास अब भी बकाया थे। एक सप्ताह पहले आईएमए ने भुगतान न होने पर सरकार को 7 अगस्त से आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद करने की चेतावनी दी थी।
मंगलवार को सरकार ने जानकारी दी कि निजी अस्पतालों को भुगतान के लिए बजट की मंजूरी देते हुए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर भुगतान प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बुधवार दोपहर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने आईएमए पदाधिकारियों के साथ बैठक की। आईएमए की ओर से इसमें अध्यक्ष डॉ. एमपी जैन, पूर्व प्रधान डॉ. अजय महाजन, निर्वाचित अध्यक्ष डॉ. सुनीला सोनी, सचिव डॉ. धीरेंद्र सोनी और आयुष्मान समिति के अध्यक्ष डॉ. सुरेश अरोड़ा शामिल हुए।
डॉ. अजय महाजन ने बताया कि सरकार की ओर से अभी 245 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं। इनमें से 175 करोड़ इस तिमाही के बजट के रूप में हरियाणा सरकार व 70 करोड़ केंद्र सरकार के हिस्से के हैं। अब भी 490 करोड़ सरकार के पास रुके हैं। सरकार ने अगले भुगतान के लिए सरकार अनुबंधित अस्पतालों को निरंतर भुगतान राशि जारी कर रही है। सभी लंबित मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
निजी अस्पताल संचालकों को इलाज बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। इलाज बंद करने से जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो सकती हैं। खासकर आर्थिक रूप से आईएमए प्रतिनिधियों ने देरी से भुगतान पर अनुबंध के अनुसार ब्याज देने की मांग की लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव ने व्याज देने से इन्कार कर दिया। पोर्टल पर स्वचालित रूप से प्रत्यारोपण आदि की कटौती पर उन्होंने कहा कि एनएचए ने पहले ही इसका भुगतान कर दिया है। अस्पतालों ने भुगतान मिलने से इन्कार किया है।