कुमारी सैलजा ने हरियाणा सरकार को घेरा, बोलीं- HKRN के तहत कार्यरत कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही भाजपा

Edited By Manisha rana, Updated: 21 Jul, 2025 12:54 PM

kumari selja surrounded the haryana government

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि हरियाणा कौशल विकास निगम (एचकेआरएन) के अंतर्गत कार्यरत लगभग 1,18,000 कर्मचारियों को 05 वर्ष...

चंडीगढ़ : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने चुनाव से पहले वादा किया था कि हरियाणा कौशल विकास निगम (एचकेआरएन) के अंतर्गत कार्यरत लगभग 1,18,000 कर्मचारियों को 05 वर्ष की सेवा के उपरांत स्थायी किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए अधिसूचना भी जारी की थी, लेकिन वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है। आज हालात ये है कि कई जिलों में इन कर्मचारियों को तीन से पांच माह से वेतन नहीं मिल रहा है। यदि इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलेगा तो सरकारी सेवाओं पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सांसद ने मांग की है कि सरकार इन कर्मचारियों से किया गया अपना वायदा पूरा करे।

कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने डीसी रेट और ठेका प्रथा पर रखे कर्मचारियों को नियमित करने के बजाए एचकेआरएन में मर्ज कर लिया। सरकार इन कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों से भी चौथाई या आधा वेतन देती है, यानि ये सरकार एक प्रकार से युवाओं का मानसिक और आर्थिक शोषण कर रही हैै। अनेक कर्मचारी ऐसे भी है जो ओवरएज हो चुके  है और किसी भी नौकरी के लिए आवदेन नहीं कर सकते। सरकार को युवाओं के भविष्य से खिलवाड करने के बजाए उनके और उनके परिवारजनों के बारे में सोचना चाहिए जो उन पर आश्रित है। इन कर्मचारियों को जो वेतन दिया जा रहा है इतनी मंहगाई में गुजारा करना दूभर हो जाता है। 

सांसद ने कहा कि आज प्रदेश के हजारों कौशल विकास निगम के कर्मचारी वेतन न मिलने के कारण अपने परिवारों का गुजारा करने में भी असमर्थ हो गए हैं। जिन कर्मचारियों को सरकार 16,000 से 23,000 मासिक वेतन देती थी, उन्हें भी बीते कई महीनों से वेतन नहीं दिया गया है। के. के. मीना (एमडी, हरियाणा कौशल विकास निगम) के माध्यम से मिलने वाला वेतन रोक दिया गया है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष और आक्रोश है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार एक ओर कर्मचारियों को पक्का करने की बात करती है और दूसरी ओर उन्हें इतना मानसिक रूप से परेशान कर रही है कि वे नौकरी छोड़ने को मजबूर हो जाएं। यह नीति साफ तौर पर संविदा कर्मचारियों के साथ अन्याय है।

उन्होंने इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह न केवल कर्मचारियों के साथ धोखा है, बल्कि उनके परिवारों की आजीविका पर भी कुठाराघात है। जो कर्मचारी प्रदेश की विभिन्न योजनाओं के संचालन में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, उनके साथ ऐसा व्यवहार अमानवीय है। सरकार को तुरंत हरियाणा कौशल विकास निगम के कर्मचारियों का बकाया वेतन जारी करना चाहिए और स्थायीकरण की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करना चाहिए। सांसद ने कहा कि हिसार में कई विभाग में इन कर्मचारियों को तीन से पांच माह से वेतन नहीं मिल रहा है जिन्हें वेतन के लिए प्रदर्शन तक करना पड़ता है,सीडीएलयू सिरसा में भी इन कर्मचारियों को वेतन बकाया है। प्रदेश के कई जिलों में आए दिन एचकेआरएन कर्मचारियो का धरना प्रदर्शन होता रहता है।  

कुमारी सैलजा ने सरकार से की ये मांग 

सैलजा ने सरकार से यह भी मांग की है कि वह स्पष्ट करें कि कर्मचारियों के वेतन में यह देरी क्यों की जा रही है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी कर्मचारी को मानसिक दबाव देकर नौकरी से बाहर करने की प्रवृत्ति पर रोक लगे। प्रदेश कांग्रेस इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर सड़कों तक उठाएगी और कर्मचारियों के हक की लड़ाई को मजबूती से लड़ेगी। सांसद ने कहा कि वर्तमान में कौशल विकास निगम के कर्मचारी विभिन्न विभागों में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं जैसे कि स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, परिवहन, जल आपूर्ति, बिजली निगम आदि। यदि इन कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलेगा तो सरकारी सेवाओं पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

 

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