Edited By Isha, Updated: 16 Oct, 2019 12:03 PM
हरियाणा में 21 अक्तूबर को चुनाव होना है, 5 दिन मतदान के बचे हैं और 40 के करीब सीटें मुकाबले में फंसी हुई हैं। इस मुकाबले में कई मंत्री, कई विधायक व बड़े नेता फंसे हुए हैं। कई की चौधर चुनाव के परिणामों
पानीपत(खर्ब) : हरियाणा में 21 अक्तूबर को चुनाव होना है, 5 दिन मतदान के बचे हैं और 40 के करीब सीटें मुकाबले में फंसी हुई हैं। इस मुकाबले में कई मंत्री, कई विधायक व बड़े नेता फंसे हुए हैं। कई की चौधर चुनाव के परिणामों पर टिकी हुई है। यदि इस बार जीत मिली तो आगे की राजनीति लंबी चलेगी। लेकिन यदि हार मिली तो कई के बड़े पद भी जा सकते हैं। ऐसे में मुकाबले में फंसी सीटों को लेकर प्रत्याशियों, पार्टी प्रमुखों व परिजनों ने जोर लगाते हुए बोल दिया है कि सीट निकलनी चाहिए चाहे कुछ भी करो। अंदर की बात यह है कि बचे दिन रोमांचक होने वाले हैं। कुछ सीटों पर टकराव की स्थिति भी हो सकती है। एक-दो सीट पर तो पहले ही लड़ाई-झगड़े की घटना हो चुकी है।
मतदान के दिन नजदीक आते ही बदल रहा है हवा का रुख
जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे-वैसे समीकरण बदलते जा रहे हैं। हालात हर रोज बदल रहे हैं जो हवा पहले बन रही थी वह बदलती जा रही है। यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि चुनाव के समीकरण बड़ी जल्दी से पलटी मार रहे हैं। खुफिया विभाग की रिपोर्ट भी बदलने लगी है। इसका अंदेशा 2 राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं को भी लग चुका है। दोनों दलों के नेताओं ने चुनाव को अपने पक्ष में करने के लिए नई योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है।
यदि हवा ऐसे ही चलती रही तो इस बार हरियाणा के चुनाव अलग ही हो सकते हैं। अंदर की बात यह है कि कई घटनाओं व रैलियों से चुनाव के समीकरण बदलते जा रहे हैं। किसी रैली में बड़ी भीड़ जा रही है तो किसी में बैठने की जगह नहीं है। किसी का विरोध हो रहा है तो किसी का समर्थन। देखने वाली बात यह होगी कि पाॢटयां अपने पक्ष में हवा का रुख कैसे बनाए रखती हैं। इस बार मतदाता भी नेताओं से ज्यादा तेज हो गया है। सबको वोट देने की हां भर रहा है,प्रचार भी कर रहा है लेकिन उसके अंदर कुछ और ही चल रहा है,जिसका परिणाम 24 अक्तूबर को देखने को मिलेगा।