घरों के ऊपर से गुजर रही है बिजली लाइन तो मिलेगा मुआवजा, जानें कितनी राशि देगी सरकार

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 10 Jun, 2025 09:03 PM

if power line is passing above houses you will get compensation

मुआवजे के भुगतान को लेकर ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह ने अधिसूचना जारी कर दी है। यदि मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा निकाली गई बाजार दरों में अंतर न्यूनतम मूल्य से...

चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : हरियाणा में गुरुग्राम और फरीदाबाद सहित सभी 11 नगर निगम क्षेत्रों में जमीन के ऊपर से गुजरते बिजली के हाईटेंशन तार के लिए भूमि मालिकाें को जमीन की कीमत का 60 प्रतिशत मुआवजा मिलेगा। नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के क्षेत्र में हाई टेंशन लाइन के लिए 45 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 30 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे की दरें भूमि के सर्किल रेट या फिर कलेक्टर रेट के आधार पर तय होंगी। जहां भूमि के मार्केट रेट सर्किल रेट और कलेक्टर रेट से अधिक होते हैं, वहां मुआवजे की गणना करने हेतु भूमि दर निर्धारित करने के लिए जिला स्तर पर समिति गठित की जाएगी।

इस समिति में उपायुक्त या फिर उनके द्वारा नामित व्यक्ति (उप-विभागीय मजिस्ट्रेट से नीचे नहीं) अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा भूमि मालिकों का प्रतिनिधि, ट्रांसमिशन सेवा प्रदाता कंपनी का नामित व्यक्ति, हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के संबंधित क्षेत्र के बिजली अधीक्षण अभियंता सदस्य होंगे। उपायुक्त द्वारा आवश्यकतानुसार एक अतिरिक्त सदस्य को इस समिति में शामिल किया जा सकेगा।

अंतरराज्यीय प्रेषण प्रणाली (आइएसटीएस) लाइनों के लिए राइट आफ वे (आरओडब्ल्यू) से संबंधित मुआवजे के भुगतान को लेकर ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह ने अधिसूचना जारी कर दी है। यदि मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा निकाली गई बाजार दरों में अंतर न्यूनतम मूल्य से 20 प्रतिशत से कम मिलता है तो दोनों मूल्यांकनों के औसत मूल्य को संदर्भ बाजार दर के रूप में लिया जाएगा। यदि यह अंतर 20 प्रतिशत से अधिक हुआ तो समिति संदर्भ बाजार दर पर बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश करेगी। अगर बातचीत विफल हो जाती है तो समिति एक तीसरे मूल्यांकक को नियुक्त करेगी। संदर्भ बाजार मूल्य दो निकटतम मूल्यांकनों के औसत के रूप में निर्धारित किया जाएगा। भूमि मूल्यांकनकर्ताओं के व्यावसायिक शुल्क या प्रभार को समिति द्वारा वहन किया जाएगा।

खेत में ट्रांसमिशन लगवाने पर मिलेगा 200 प्रतिशत मुआवजा

खेतों के ऊपर से गुजरने वाली हाई-टेंशन लाइनों व खेत में स्थापित किए जाने वाले ट्रांसमिशन टावर की क्षतिपूर्ति में किसानों को भूमि की कीमत का 200 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। इससे पहले 100 प्रतिशत की दर से मुआवजा मिलता था। मुआवजे में बढ़ोतरी से भूमि मालिकों विशेष रूप से किसानों और बिजली कंपनियों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवादों को निपटाया जा सकेगा। जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही सरकार किसानों को मुआवजा देगी। विशेष बात यह कि नई नीति में ट्रांसमिशन लाइन कारिडोर के लिए भी मुआवजे का प्रविधान किया गया है। पुरानी नीति में राइट आफ वे कारिडोर के लिए मुआवजा नहीं मिलता था। नई नीति से ट्रांसमिशन परियोजनाओं से प्रभावित भूमि मालिकों को राहत मिलेगी। हालांकि किसानों को फसलों का मुआवजा पूर्व नीति के अनुसार ही दिया जाएगा।

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