Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 09 Jul, 2024 07:24 PM
रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा), गुरुग्राम ने रियल एस्टेट की धारा-3 (1) के गंभीर उल्लंघन के तहत रियल एस्टेट प्रमोटर मेसर्स वाटिका लिमिटेड पर 5 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई संपदा अधिनियम- 2016 के तहत की गई।
गुड़गांव, (ब्यूरो): रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा), गुरुग्राम ने रियल एस्टेट की धारा-3 (1) के गंभीर उल्लंघन के तहत रियल एस्टेट प्रमोटर मेसर्स वाटिका लिमिटेड पर 5 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई संपदा अधिनियम- 2016 के तहत की गई।
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प्राधिकरण ने पाया कि मेसर्स वाटिका लिमिटेड ने अपने आवासीय रियल एस्टेट प्रोजेक्ट वाटिका इंडिया नेक्स्ट के लिए-2013 में हरियाणा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीसीपी) विभाग से लाइसेंस प्राप्त किया था। प्रमोटर को तीन महीने के भीतर पंजीकरण के लिए आवेदन करना था। प्राधिकरण ने कहा कि मेसर्स वाटिका लिमिटेड ने रेरा पंजीकरण के लिए पांच साल बाद-2022 में हरियाणा अधिसूचना के बाद आवेदन किया। जब रेरा ने मामले पर गंभीरता से संज्ञान लिया। प्राधिकरण के अध्यक्ष अरुण कुमार ने बताया यह एक चालू परियोजना थी।
प्रमोटर को दंड से बचने के लिए समय पर रेरा पंजीकरण के लिए आवेदन करना चाहिए था। उन सभी चालू रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए रेरा पंजीकरण अनिवार्य है। जहां-2016 में अधिनियम लागू होने से पहले प्रतिस्पर्धा प्रमाण पत्र जारी नहीं किए गए थे। अधिनियम-2016 की धारा-3 (1) कहती है कोई भी प्रमोटर किसी भी प्लॉट, अपार्टमेंट या इमारत का विज्ञापन, विपणन, पुस्तक, बिक्री या बिक्री की पेशकश नहीं करेगा। अधिनियम के तहत स्थापित रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण के साथ रियल एस्टेट परियोजना को पंजीकृत किए बिना किसी भी क्षेत्र में कोई भी रियल एस्टेट परियोजना या उसका हिस्सा नही कर सकता। जब प्रमोटर प्रोजेक्ट को लेकर सभी अनिवार्य मंजूरी जमा की तब प्राधिकरण ने इसे मंजूरी दी। साथ ही प्राधिकरण ने धारा-3 के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्यवाही करते हुए अधिनियम-2016 की धारा-59 के तहत 5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया।