Edited By Manisha rana, Updated: 28 Jul, 2024 10:37 AM
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच लापता चल रहे 22 वर्षीय युवा रवि मौण की करीब पांच माह बाद परिवार के लोगों को मौत की खबर मिली है। दुख और बेबसी का पहाड़ परिवार पर उस समय टूट पड़ा, जब दूतावास ने शव को परिजनों के सुपुर्द करने के लिए पहचान के तौर पर युवा की माता...
कैथल (जयपाल रसूलपुर) : रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच लापता चल रहे 22 वर्षीय युवा रवि मौण की करीब पांच माह बाद परिवार के लोगों को मौत की खबर मिली है। दुख और बेबसी का पहाड़ परिवार पर उस समय टूट पड़ा, जब दूतावास ने शव को परिजनों के सुपुर्द करने के लिए पहचान के तौर पर युवा की माता की डीएनए रिपोर्ट मांगी है। जबकि वे दुनिया में नहीं है। पिता के बेहद बीमार होने की स्थिति में बड़े भाई अजय मौण डीएनए के लिए आगे आए हैं।
इस संबंध में उन्होंने शनिवार को भारतीय दूतावास मास्को रूस को पत्र लिखा है। इसका जवाब मिलने के बाद ही शव को को स्वदेश लाने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा सकेगा। संकट की घड़ी से घिरे अजय मौण ने बताया कि 13 जनवरी 2024 को रोजगार की तलाश मेंं उनका भाई रवि गांव के अन्य छह युवाओं के साथ विदेश गया था। वहां एजेंट ने उन्हें वाहन चालक की नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन उसके भाई को रूस-युक्रेन युद्ध में झोंक दिया गया। अंतिम बार 12 मार्च को उनका भाई से संपर्क हुआ। उस दौरान उसने बताया था कि 6 मार्च से उन्हें लड़ाई में उतारा गया है। अब दोबारा उन्हें युद्ध क्षेत्र में जाना पड़ेगा। उसके बाद से उनका भाई निरंतर लापता चल रहा था। इसको लेकर उन्होंने स्थानीय प्रशासन से लेकर केंद्रीय विदेश मंत्री तक संपर्क साधा। आखिरकार अब दूतावास से रवि की पासपोर्ट के नंबर का सबूत पेश करते हुए मृत्यु की जानकारी दी गई है।
बताया गया है कि दूतावास ने परिवार के सदस्यों के अनुरोध के अनुसार संबंधित रूसी अधिकारियों से संपर्क साधते हुए रवि के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाई है। इसमें रूसी पक्ष ने मौत की पुष्टि की है। शव की पहचान के लिए उन्हें उसके करीबी रिश्तेदारों से डीएनए टेस्ट की जरूरत है। खासकर उसकी मां से डीएनए टेस्ट की। इसलिए भारत में पंजीकृत अस्पताल/सरकारी अस्पताल से मां का डीएनए परीक्षण कराया जाए और रिपोर्ट मॉस्को में भारतीय दूतावास के साथ साझा की जाए। उपरांत शव की पहचान के लिए रिपोर्ट को संबंधित रूसी अधिकारियों के साथ सांझा किया जाएगा। मृतक रवि के बड़े भाई अजय मौण ने बताया कि उनके पास भाई का शव लाने के लिए कोई संसाधन नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
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