Edited By Isha, Updated: 08 Sep, 2021 09:57 AM
हरियाणा रोडवेज में ओपन ई-टिकटिंग प्रणाली शुरू होने जा रही है। 6 महीने में सभी डिपो में योजना लागू होगी। पायलट प्रोजेक्ट करनाल, फरीदाबाद, भिवानी, रोहतक और हिसार डिपो से शुरू होगा। 4500 ई-टिकटिंग
डेस्क: हरियाणा रोडवेज में ओपन ई-टिकटिंग प्रणाली शुरू होने जा रही है। 6 महीने में सभी डिपो में योजना लागू होगी। पायलट प्रोजेक्ट करनाल, फरीदाबाद, भिवानी, रोहतक और हिसार डिपो से शुरू होगा। 4500 ई-टिकटिंग मशीनें खरीदी जाएंगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में योजना को मंजूरी दे दी गई।
योजना के लागू होने पर हर बस में मौजूद सवारियों की संख्या परिवहन विभाग के अधिकारियों के पास ऑनलाइन मौजूद रहेगी। योजना के तहत नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड बनाए जाएंगे। जिससे आने वाले समय में बस, मेट्रो, मल्टीप्लेक्स टिकट के साथ ही पार्किंग फीस भरी जा सकेगी। परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा ने बताया कि इससे सिस्टम और पारदर्शी होगा। ई-टिकटिंग शुरू होने से रोडवेज बसों में फ्री पास और रियायती कोटे के तहत यात्रा करने वाली सवारियों को एक नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) जारी किया जाएगा। इस कार्ड को जैसे ही परिचालक अपने ई-टिकटिंग कियोस्क पर स्कैन करेगा, यात्री की यात्रा से संबंधित डाटा कंट्रोल रूम में आ जाएगा। इससे विभाग को यह जानकारी रहेगी कि फ्री पास और रियायती कोटे के तहत कितने यात्रियों ने यात्रा की है।
परिवहन मंत्री ने बताया कि ई-टिकटिंग की सुविधा से यात्रियों की संख्या का डाटा विभाग के पास रहेगा। इससे जिस रूट पर ज्यादा सवारियां यात्रा कर रही हैं, उस रूट पर ज्यादा बसों की शेड्यूलिंग की जा सकती है। योजना के शुरू होने से विभाग में रिवेन्यू लीकेज भी कम होगी। कई बार टिकटों के रि-इश्यू करने व नकली टिकटों के मामले सामने आते हैं। ई-टिकटिंग मशीन से जारी टिकट को न तो रि-इश्यू किया जा सकता है और न ही उसका नकली टिकट काटा जा सकता है।
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