कारगिल युद्ध:11 दुश्मनों को मार गिराया था हरियाणा के लाल ने, 21 वर्ष में देश पर हो गए थे कुर्बान

Edited By Isha, Updated: 26 Jul, 2020 05:19 PM

नारनौंद उपमंडल के गांव  मिलकपुर के रहने वाले पवित्र कुमार ने कारगिल यूद्ध में 11 दुश्मनों को मार गिराया था और उसके बाद वे शहीद हो गए थे। यह हरियाणा  वासियों के लिए गर्व की बात है। पवित्र कुमार ने देश के लिए जो बलिदान दिया है आज भी मिल्कपुर गांव

नारनौंद(हरकेश जांगड़ा): नारनौंद उपमंडल के गांव मिलकपुर के रहने वाले पवित्र कुमार ने कारगिल यूद्ध में 11 दुश्मनों को मार गिराया था और उसके बाद वे शहीद हो गए थे। यह हरियाणा वासियों के लिए गर्व की बात है। पवित्र कुमार ने देश के लिए जो बलिदान दिया है आज भी मिल्कपुर गांव  के लोग नही भूल सके। शहीद पवित्र कुमार की याद में गांव में स्मृति स्थल बनाया गया है। परिजनों की सरकार व प्रशासन से मांग है कि स्कूल का नाम भी पवित्र कुमार के नाम से रखा जाए।
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छोटी आयु में ही दी अपनी शहादत
9 जुलाई 1999 का वह दिन बडा मनहूस रहा होगा जब कारगिल युद् में हिसार जिले के मिलपुर गांव के लाडले पवित्र कुमार मात्र 21 वर्ष छोटी आयु में ही अपनी शहादत दे डाली लेकिन मरते मरते भी यह अवविवाहित बहादुर सैनिक  11 दुश्मनों को मौत के घाट ऊतार गया और अपने फोजी पिता किताब सिंह और माता सुजानी देवी की आखों में गर्व के आंसु भर गया। शहीद के परिजनों के अनुसार आर्थिक सहायता तो प्रदान की गई थी लेकिन  उसकी अत्येष्ठी के समय सरकार के एक नुमाइदे द्वारा गावं  के स्कूल का नाम शहीद के नाम करने की घोषणा अब तक अधूरी पड़ी है। परिजनो ने मांग कि है कि अगर सरकार वास्तव  में शहीदों के सम्मान को प्राथमिकता देती है तो उसके गांव में स्थापित सरकार हाई स्कूल पूव घोषणा अनुसार शहीद पवित्र कुमार का नाम दे तब जाकर शहीदो को सच्ची श्रदाजलि होगी और आनेवाली पीढ़िया  उससे प्रेरणा लेती रहेगी।
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आज भी मां को सताता है गम 
पवित्र कुमार की मां सुजानी देवी को बेटे के जाने का गम आज भी सताता रहता है आखों में आज भी बेटे को खोने का दर्द झलता है वह कहती है जैसे मेरी कोख  से ऐसे  बेटे को जन्म दिया ऐस बेटे देश की सभी माताओं के पैदा होने चाहिए।  माता सुजानी देवी ने कहा  कि  पवित्र कुमार शुरु से मिलनसार, प्रेम भाव रखने वाला  बेटा था उसका जन्म गांव में हुआ था और गांव से 12वीं  की परीक्षा पास की थी। इसके बाद वह फोज में 1996 में 8 जाट रैजीमेंट में भरती हो गया। उसने 9 जुलाई 1999 को दुश्मनों को मार गिराया और भारत देश का झंडा लहराकर खुद देश के लिए शहीद हो गया। 
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ग्रामीणों का कहना है कि शहीद के नाम पर स्मारक स्थल बनाया गया है परंतु उसकी अभी सरकारी स्तर पर सुधार की जरुरत है। उन्होने बताया कि  यादगार में गांव में स्मृति स्थल बनाया गया है। उन्होंने कहा कि वह गांव में सबके चेहते थे। और कबडडी का खेल खेलते थे। शहीद के नाम से एक युवा संगठन भी बनाया गया है। उन्होने कहा कि पवित्र कुमार ने देश के लिए सच्ची श्रदांजलि दी है।  
 

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