Edited By kamal, Updated: 30 May, 2019 03:29 PM
बेटियों को परेशानी ना हो इसलिए सरकार ने बेटियो के लिए नए स्कूल बनाए जाने की घोषणा की है। बता दे सरकारी....
भिवानी(इंद्रवेश): बेटियों को परेशानी ना हो इसलिए सरकार ने बेटियो के लिए नए स्कूल बनाए जाने की घोषणा की है। बता दे सरकारी स्कूल में पढने वाली बेटियां स्कूल में बढती भीड़ से ना केवल परेशान है बल्कि दो शिफ्टों में स्कूल लगने से अभिभावक भी परेशान रहते हैं। वहीं सरकार ने नए स्कूल के निर्माण के लिए घोषणा की ताकि कुछ बेटियों सेक्टर-13 के स्कूल में शिफ्ट की जा सके। वहीं जल्द ही इनके लिए करीब चार करोङ की लागत से अढाई एकङ में नया भवन बनाया जाएगा।
भिवानी नगर विधायक घनश्याम सर्राफ और डीईओ अजीत श्योराण हवन-यज्ञ के साथ लङकियों के स्कूल की विधिवत रूप से शुरुआत कर रहे हैं। बता दें कि भिवानी में अभी तक लङकियों के लिए 12वीं का केवल एक ही स्कूल था। यहां अढाई हजार लङकियां पढने आती है। एक स्कूल में इतनी बङी संख्या में छात्राओं के आने से इस स्कूल को सुबह-शाम दो शिफ्टों में लगाया जाता है। लङकियों का ये स्कूल चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल के पास है।
छुट्टी के समय यहां पर जाम के हालात बन जाते हैं। बेटियों की पढाई व परेशानी को देखते हुए शहर में एक दशक से ये मांग थी कि लङकियों के लिए एक और स्कूल बनाया जाए। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल जब पहली बार नवंबर 2014 में भिवानी आए तो उनके सामने सबसे पहली मांग भी यही थी, जिसकी सीएम ने हामी भरी थी। वो मांग अब जाकर सिरे चढने लगी है। वहीं विधायक घनश्यमा सर्राफ ने बताया कि सेक्टर-13 के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को राजकीय कन्या सीनियर सैकेंडरी स्कूल में बदल दिया गया है।
यहां पर शहर की करीब आधी बेटियों के दाखिले किए जाएंगे ताकि पहले वाले स्कूल में होने वाली भीड़ कम हो। उन्होने बताया कि शहर की ये मांग करीब एक दशक पूरानी थी जो सीएम के संज्ञान में लाने के बाद पूरी हुई है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अजीत श्योराण ने कहा कि सरकार का नारा है कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, उसे सार्थक करते हुए सरकार ने बेटियों के लिए इस दूसरे स्कूल की अस्थाई तौर पर व्यवस्था की है।
डीईओ ने बताया कि हमने विभाग के पास जीमखाना क्लब के पास अढाई एकङ में पौने चार करोङ की लागत से स्कूल के नए भवन के निर्माण की मांग भेजी है जो मंजूर हो गई है। उन्होने कहा कि ये भवन एक साल में बनकर तैयार हो जाएगा।निश्चित तौर पर भिवानी शहर में एक दशक बाद बेटियों के अच्छे दिनों की शुरुआत हुई है। क्योंकि एक स्कूल में इतनी बङी संख्या में बेटियों का दो शिफ्टों में पढना परेशानी का सबब था। साथ ही शाम की शिफ्ट में पढने वाली बेटियों के अभिभावक भी अपनी बेटियों के घर से स्कूल व स्कूल से घर आने जाने को लेकर चिंतित रहते है।