पुलवामा हमले को हुआ 1 साल, सहायता तो मिली पर सम्मान के लिए तरस रहा शहीद का परिवार

Edited By Isha, Updated: 14 Feb, 2020 03:21 PM

haryana government forgets martyrdom of martyrs

दशको पूरा गाना जो 15 अगस्त और 26 जनवरी नजदीक आते ही सभी के घरो में बज जाता है " ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आखो में भर लो पानी जो शहीद हुए है उनकी जरा याद करो क़ुरबानी... पर शायद शहीदो की शहादत को हरियाणा

गुरुग्राम (मोहित)- दशको पूरा गाना जो 15 अगस्त और 26 जनवरी नजदीक आते ही सभी के घरो में बज जाता है " ऐ मेरे वतन के लोगो जरा आखो में भर लो पानी जो शहीद हुए है उनकी जरा याद करो क़ुरबानी... पर शायद शहीदो की शहादत को हरियाणा सरकरा भूल गई है। गुरुग्राम के मानेसर से ऐसा ही मामला सामने आया है जहा पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल कौशल कुमार रावत जिसका परिवार आज भी दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है।  शहीद के परिजनों की माने तो वो पिछले 20 साल से हरियाणा में रह रहे है जिसके कारण यूपी सरकार वादा पूरा नहीं कर रही है और वही दूसरी तरफ शहीद कौशल कुमार रावत का जन्मस्थान उत्तर प्रदेश होने के कारण हरियाणा सरकार भी इनका साथ नहीं दे रही है।

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इस समय पुरे देश में शोक की लहर है। सत्तापक्ष और विपक्ष सभी एक जुट होकर शहीदों की शाहदत को याद कर रहे थे। उन्ही शहीदों में आगरा  के रहने वाले सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल कौशल कुमार रावत जो पिछले 20 साल से हरियाणा के गुरुग्राम जिले के मानेसर गांव में रहते है। शहीदी के वक्त केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार ने कई घोषणाएं की थी जिन्हे अभी तक पूरा नहीं किया गया। शहीद कौशल कुमार रावत के पार्थिक शरीर को श्रद्धांजलि उनके जन्म स्थान आगरा में दी गई थी।  श्रद्धांजलि के समय सांसद विधायक जिला अधिकारियो ने एवं प्रदेश सरकार की तरफ से कई घोषणाएं की गई थी, लेकिन अभी तक कोई भी घोषणा पूरी नहीं हुई ।

कॉलेज के लड़कों ने किया सम्मानित
बीते एक साल में शहीद के परिजनों को किसी भी मंच पर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित नहीं किया गया है यही नहीं बल्कि जिला स्तरीय कार्यकर्म में भी इनको बुलाया नहीं जाता। ऐसे लोगो को सम्मनित करने का बेडा कॉलेज के लड़को ने उठाया हुआ है। कुछ लड़को ने एक टीम बनाकर कौशल कुमार रावत के परिजनों को सम्मनित करने के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन कर उनको सम्मानित किया ।14 फ़रवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में 40 जवान शहीद हुए थे। 
 

योगी सरकार ने शहीद के परिजनों को 25 लाख रुपए देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। शहीद के परिजनों ने इसकी शिकायत केंद्र और प्रदेश सरकार दोनों को कर चुके है, लेकिन अभी तक इसपर कोई सुनवाई नहीं हुई है केंद्र सरकार की तरफ से मदद की जाती है लेकिन प्रदेश सरकार की तरफ से पैसे के अलावा किसी भी तरह का किया हुआ वायदा पूरा नहीं हुआ है।

 

 

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