Edited By Deepak Kumar, Updated: 18 Jun, 2025 05:20 PM

जींद जिले में एक बुजुर्ग दंपति की दरियादिली से 2 गुमशुदा बच्चों को रातभर सुरक्षित पनाह मिली, जिसके बाद सुबह उन्हें उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इनमें से एक बच्चा मूक-बधिर भी है।
जींद (अमनदीप पिलानिया) : जींद जिले में एक बुजुर्ग दंपति की दरियादिली से 2 गुमशुदा बच्चों को रातभर सुरक्षित पनाह मिली, जिसके बाद सुबह उन्हें उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। इनमें से एक बच्चा मूक-बधिर भी है। यह जानकारी उप-पुलिस अधीक्षक उचाना संजय कुमार ने प्रेस वार्ता में दी। पुलिस अधीक्षक जींद ने इस नेक काम के लिए बुजुर्ग दंपति का सम्मान भी किया।
जानकारी देते हुए डीएसपी उचाना संजय कुमार ने बताया कि 15 जून 2025 को थाना अलेवा के गांव बधाना से दो बच्चे, लड़की मुस्कान (13 वर्ष) और लड़का आर्यन (11 वर्ष), अपनी बुआ के घर हिसार के गांव भाटला जाने के लिए दोपहर 2 से 2:30 बजे के बीच निकले थे। लेकिन वे बुआ के घर नहीं पहुंचे। जब बच्चों का पता नहीं चला तो परिजनों ने थाना अलेवा में शिकायत दर्ज करवाई। मुकदमा संख्या 84, दिनांक 15.06.2025, धारा 140 (3) BNS के तहत बच्चों की खोज शुरू हुई।
बच्चे रास्ता भटककर हांसी पहुंच गए थे। शाम करीब 7:30 बजे बस अड्डा हांसी पर रोते हुए मिले। उसी समय बुजुर्ग दंपति मदन लाल और उनकी पत्नी सुमित्रा देवी, जो मजदूरी करके अपने घर बरवाला लौट रहे थे, बच्चों को देखकर तुरंत उनकी मदद के लिए आगे आए। उन्होंने बच्चों को अपने घर ले जाकर खाना खिलाया, आराम करने की जगह दी और पूरी रात उनका ध्यान रखा।
सुबह बच्चों से उनके घर और बुआ का पता पूछकर 16 जून को बुजुर्ग दंपति मुस्कान और आर्यन को लेकर गांव भाटला गए। वहां उन्होंने बच्चों को उनकी बुआ सोनू के हवाले कर दिया। थाना अलेवा की टीम ने 17 जून को दोनों बच्चों से पूछताछ की, उनकी काउंसलिंग करवाई और अदालत में बच्ची का बयान दर्ज करवाया। इसके बाद दोनों बच्चों को सुरक्षित उनके परिजनों को सौंप दिया गया।
पुलिस अधीक्षक जींद कुलदीप सिंह ने बुजुर्ग दंपति मदन लाल को एक चादर, उनकी पत्नी सुमित्रा देवी और पोती को एक-एक शाल तथा प्रशंसा पत्र के साथ एक दीवार घड़ी देकर सम्मानित किया। बुजुर्ग दंपति के सहयोग से बच्चों के परिजनों का पता जल्द ही चल गया और बच्चे सुरक्षित घर लौट आए। परिजनों ने बुजुर्ग दंपति और पुलिस टीम का दिल से आभार व्यक्त किया। मदन लाल और सुमित्रा देवी ने इंसानियत का बेहतरीन उदाहरण पेश किया और समाज में दूसरों की मदद करने की मिसाल कायम की।
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