पंजाब से अलग होकर नया प्रदेश बने हरियाणा को 53 हुए साल: 33 साल रहे जाट मुख्यमंत्री

Edited By Isha, Updated: 09 Oct, 2019 04:33 PM

haryana gets 53 years of separation from punjab jat chief minister for 33 years

हरियाणा में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इतिहास कहता है कि प्रदेश बनने के बाद से करीब 60 प्रतिशत से अधिक समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी जाट नेताओं के पास

चंडीगढ़ (संजीव शुक्ल): हरियाणा में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन इतिहास कहता है कि प्रदेश बनने के बाद से करीब 60 प्रतिशत से अधिक समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी जाट नेताओं के पास ही रही है, जबकि उनकी आबादी 25 प्रतिशत के आस-पास है। राज्य में मतदाताओं का गणित कुछ इस प्रकार है कि कुल जनसंख्या का एक चौथाई होने के बावजूद जाट यहां की राजनीति पर हावी रहे हैं। पंजाब से अलग होकर नया प्रदेश बने हरियाणा को 53 साल हुए हैं जिनमें से 33 साल के लगभग जाट मुख्यमंत्री सत्ता पर काबिज रहे।

75 फीसदी गैर जाट होने के बावजूद इस वर्ग के मुख्यमंत्रियों के पास मात्र 20 वर्ष ही चौधर रही। प्रदेश की राजनीति के जानकारों का कहना है कि गैर जाटों का प्रतिशत इतना अधिक होने के बावजूद राजनीति पर जाटों की पकड़ होने का एक कारण तो यह है कि वे बाकी वर्गों के मुकाबले अधिक सजग हैं और सत्ता का स्वाद उन्हें पसंद है। अत: उनकी कोशिश रहती है कि चौधर उन्हीं के पास रहे, पार्टी भले ही कोई भी हो। दूसरी अहम वजह है कि एक चौथाई मतदाता होने के बावजूद प्रदेश के  90 में से 40 विधानसभा क्षेत्रों में उनकी पकड़ बहुत मजबूत है। जाटों की संख्या ज्यादातर इन्हीं क्षेत्रों में सिमटी हुई है।

जहां तक गैर-जाट मुख्यमंत्रियों का सवाल है उनके  कार्यकाल भी लंबे नहीं रहे। 5 गैर जाट मुख्यमंत्रियों में से अभी तक का रिकॉर्ड भजन लाल का है जो 10 वर्षों से अधिक समय तक सत्ता पर काबिज रहे। इस महीने होने वाले चुनाव के बाद भाजपा के मनोहर लाल खट्टर यदि दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो भजन लाल के बाद लंबे कार्यकाल वाले वे दूसरे गैर जाट मुख्यमंत्री होंगे। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब पिछले विधानसभा चुनावों मेें भाजपा ने अपने दम पर सरकार बनाई। पं. भगवत दयाल शर्मा (कांग्रेस) राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे, जबकि विशाल हरियाणा पार्टी के राव बीरेंद्र सिंह उनके बाद कुर्सी पर बैठे। ये दोनों ही गैर जाट थे। इनके अलावा जो अन्य गैर जाट मुख्यमंत्री बने वे हैं बनारसी दास जिन्हें 2 बार कुर्सी मिली एक बार कांग्रेस और दूसरी बार जनता दल से। भजन लाल कांग्रेस के मुख्यमंत्री के तौर पर 3 बार कुर्सी पर बैठे।

राज्य के मशहूर 3 लालों में से बंसी लाल और देवी लाल के परिवारों ने सबसे अधिक समय राज किया। बंसी लाल 3 बार सत्ता में आए और सब मिलाकर करीब 12.6 साल मुख्यमंत्री रहे, जबकि देवी लाल दो बार मुख्यमंत्री बने और पौने पांच साल सरकार चलाई। चौधरी देवी लाल के पुत्र ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री तो 5 बार बने लेकिन सरकार में 6 साल के लगभग ही रहे। कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा, बंसी लाल व भजन लाल के बाद तीसरे व्यक्ति हैं जो 10 साल मुख्यमंत्री रहे।

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