Edited By Isha, Updated: 22 Mar, 2025 01:24 PM

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पंजाब सरकार द्वारा किसानों के धरने को बलपूर्वक खत्म कराने की निंदा की है। उन्होंने किसानों कोजपा सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि सरकार द्वारा 24 फसलों पर एमएसपी देने के दावे की पोल एक बार फिर खुल गई है
चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पंजाब सरकार द्वारा किसानों के धरने को बलपूर्वक खत्म कराने की निंदा की है। उन्होंने किसानों कोजपा सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि सरकार द्वारा 24 फसलों पर एमएसपी देने के दावे की पोल एक बार फिर खुल गई है। क्योंकि सरकार किसानों को सरसों का एमएसपी नहीं दे रही।
किसानों ने सरसों खरीद की रसीद भेजकर अपना दुखड़ा सुनाया है। सरसों की एमएसपी 5960 है, लेकिन मंडी में खरीद 5400 में की जा रही है यानी किसानों को लगभग 500 प्रति क्विंटल का घाटा हो रहा है। पिछली बार धान की खरीद भी एमएसपी से कम रेट पर की गई और इस बार सरसों की खरीद में भी किसानों को लूटने का खेल शुरू हो गया है।
हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले किसानों को धान और गेहूं जैसी फसलों पर एमएसपी से भी ज्यादा रेट देने का वादा किया था। धान की फसल पर भाजपा ने 3100 रेट का वादा किया था। न भाजपा ने सरकार बनने के बाद यह वादा निभाया और न ही इस बार के बजट में ऐसा कोई प्रावधान रखा। दिल्ली जाने से रोकने पर केंद्र और पंजाब सरकार को घेरते हुए कहा कि किसानों को अनसुना करना और दिल्ली जाने से रोकना पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। भाजपा सरकार को उनकी मांगें मानते हुए एमएसपी की गारंटी देनी चाहिए।
पूर्व सीएम ने भाजपा सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि सरकार द्वारा 24 फसलों पर एमएसपी देने के दावे की पोल एक बार फिर खुल गई है। क्योंकि सरकार किसानों को सरसों का एमएसपी नहीं दे रही। किसानों ने सरसों खरीद की रसीद भेजकर अपना दुखड़ा सुनाया है। सरसों की एमएसपी 5960 है, लेकिन मंडी में खरीद 5400 में की जा रही है यानी किसानों को लगभग 500 प्रति क्विंटल का घाटा हो रहा है। पिछली बार धान की खरीद भी एमएसपी से कम रेट पर की गई और इस बार सरसों की खरीद में भी किसानों को लूटने का खेल शुरू हो गया है।
हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने चुनाव से पहले किसानों को धान और गेहूं जैसी फसलों पर एमएसपी से भी ज्यादा रेट देने का वादा किया था। धान की फसल पर भाजपा ने 3100 रेट का वादा किया था। न भाजपा ने सरकार बनने के बाद यह वादा निभाया और न ही इस बार के बजट में ऐसा कोई प्रावधान रखा।