Edited By vinod kumar, Updated: 14 May, 2020 09:55 PM
अगर सरकार मदद ही करना चाहती है तो किसानों का कर्ज माफ करे, ये कहना है किसानों का। केंद्र सरकार के राहत पैकेज देने से किसान खुश नहीं है। किसानों के अनुसार वो पहले ही कर्ज में डूबे हुए है और ऊपर से सरकार और लोन देने की बात कर रही है, जो राहत नहीं...
राेहतक (दीपक): अगर सरकार मदद ही करना चाहती है तो किसानों का कर्ज माफ करे, ये कहना है किसानों का। केंद्र सरकार के राहत पैकेज देने से किसान खुश नहीं है। किसानों के अनुसार वो पहले ही कर्ज में डूबे हुए है और ऊपर से सरकार और लोन देने की बात कर रही है, जो राहत नहीं बल्कि ओर कर्जे में डुबाने वाली बात है। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉकडाउन में निराश हो चुके किसानों को राहत पैकेज देने की घोषणा की है, लेकिन किसान अब भी नाखुश है।
लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए पैकेज की घोषणा की है लेकिन किसानों को केंद्र सरकार का राहत पैकेज रास नहीं आया, किसानों के अनुसार अगर सरकार मदद करना ही चाहती है तो करे कर्ज माफ न कि ओर लोन दे।
यही नहीं किसानों को बिजली बिल में भी राहत दे ताकि किसान उबर सके।किसानों ने सरकार पर आरोप भी लगाया कि अभी तक गेहूं की फसल का पैसा उन्हें नहीं मिला है। ऐसे में किसान कैसे अपना गुजारा करे तो सरकार को चाहिए अगर किसानों की मदद करनी है तो कर्ज माफ करें ताकि किसान भी उबर सके।
किसानों को सरकार का राहत पैकेज खुश नहीं कर पाया। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा किसानों को ओर लोन देने की बात कही है, उससे किसानों को राहत नहीं बल्कि ओर अधिक बोझ पड़ेगा। क्योंकि पहले से ही कर्जे में दबा पड़ा है, ऐसे में ओर अधिक लोन लेकर क्या करेंगे। सरकार सच में किसानों की मदद करना चाहती है तो कर्जे ओर बिजली के बिलों में राहत दे तभी किसान खुश होगा।