धनखड़ की अगुवाई में केन्द्रीय कृषि मंत्री से मिले किसान संगठन, दिए गए 8 सुझाव, जानिए

Edited By Shivam, Updated: 15 Sep, 2020 09:06 PM

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हरियाणा के किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मिला। प्रतिनिधिमंडल में किसान संगठनों के अतिरिक्त हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल, किसानों से सुझाव के लिए बनाई समिति के...

चंडीगढ़/नई दिल्ली (चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा के किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मिला। प्रतिनिधिमंडल में किसान संगठनों के अतिरिक्त हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल, किसानों से सुझाव के लिए बनाई समिति के सदस्य सांसद बृजेन्द्र, सांसद धर्मबीर और सांसद नायब सैनी भी साथ रहे। इस प्रतिनिधिमंडल ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के सामने कृषि अध्यादेशों को लेकर ज्ञापन के माध्यम से आठ मांगें और सुझाव रखे।

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने पूरी बात पर गंभीरता दिखाते हुए मुलाकात की और तीनों अध्यादेशों पर चर्चा करते हुए आश्वासन दिया कि इन अध्यादेशों से एमएसपी पर कोई फर्क पडऩे वाला नहीं है। उन्होंने कहा एमएसपी पहले की तरह रहेगी, मंडियों में खरीद पहले की तरह होगी। मंडी को लेकर और एमएसपी को लेकर कोई किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। किसानों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।

तोमर ने कहा कि अध्यादेश किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही बनाए गए हैं, ज्ञापन के साथ किसानों के सुझाव और मांगों को लेकर केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आपके सुझावों को भी शामिल करेंगे और आपकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

किसानों को बहकाने वाले लोग हुए उजागर, झूठ बोलने वाले लोग सामने आ गए: धनखड़
केन्द्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कृषि अध्यादेशों को लेकर प्रदेश के किसानों के आठ सुझाव लिए गए हैं-

1- एमएसपी की व्यवस्था ज्यों की त्यों बनी रहे। 
2- मंडियों में सरकारी खरीद ज्यों की त्यों बनी रहे। 
3- किसान को खुद व किसान उत्पादक संघ के अपने सदस्यों के अपने उत्पाद के खुदरा व्यापार का हम स्वागत करते हैं।
4- यदि अन्य कोई भी किसानों के उत्पाद का व्यापार करता है, तो गारंटी की व्यवस्था जरूर की जाए, जिससे कोई किसानों से व्यापार करके भाग ना जाए।
5- उप मंडल अधिकारी के माध्यम से विवाद निपटान का निर्णय उचित है, क्योंकि अदालतों में लम्बा समय लग जाता है। हमारा निवेदन अधिकारी के साथ एक समिति बना दी जाए जिसमें दो किसान प्रतिनिधि व दो व्यापारी प्रतिनिधि जोड़ दिए जाएं।
6-  सभी ई प्लेटफॉर्म सरकारी हो या सरकार की कठोरतम निगरानी में रखे जाएं, जिससे किसानों के साथ कोई धोखा धड़ी ना कर सके। 
7- जहां भी खरीद-बिक्री हो राज्य सरकार का ई-मंडी प्लेटफॉर्म उपलब्ध हो, जिससे हर खरीद-फरोख्त उस पर चढ़े विवाद के समय सरकार को निपटाने में आसानी रहे व जानकारी रहें। इस प्लेटफार्म पर जे फार्म जनरेट हो जाएं।
8- किसानों को सीधा भुगतान हो।

धनखड़ ने कहा कि तीनों अध्यादेशों और एमएसपी पर किसानों को गुमराह करने वाले लोग आज उजागर हो गए। झूठ बोलकर विरोध करने वालों का चेहरा आज जनता के सामने आ गया। कुछ लोग मोहरा बनकर सिर्फ और सिर्फ विरोध करने के लिए ही विरोध करते हैं।

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