Edited By Yakeen Kumar, Updated: 03 Dec, 2025 05:51 PM

हथिनी कुंड बैराज से राजस्थान के सीकर जिले तक विशाल पाइप लाइन बिछाने की योजना पर हरियाणा सरकार ने औपचारिक सर्वे शुरू कर दिया है।
यमुनानगर : बारिश के मौसम में यमुना नदी में बहने वाले अतिरिक्त पानी को संरक्षित कर उसका उपयोग राजस्थान में सिंचाई के लिए करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। हथिनी कुंड बैराज से राजस्थान के सीकर जिले तक विशाल पाइप लाइन बिछाने की योजना पर हरियाणा सरकार ने औपचारिक सर्वे शुरू कर दिया है। इसके आधार पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी, जिससे प्रोजेक्ट की व्यवहारिकता और लागत का सटीक आकलन हो सकेगा।
इस कार्य के लिए हरियाणा सिंचाई विभाग की एक विशेष टीम गठित की गई है, जिसमें यमुनानगर, करनाल, कैथल और हिसार सर्किल के अधिकारी शामिल हैं। यह टीम अपने-अपने क्षेत्रों में पाइप लाइन के संभावित मार्ग का व्यापक सर्वे कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
इंजिनियर फील्ड पर कर रहे क्रॉस-वेरिफाई
राजस्थान की ओर से पहले ही एक कंसल्टेंसी एजेंसी द्वारा प्राथमिक सर्वे किया जा चुका है, जिसकी रिपोर्ट को अब हरियाणा के इंजीनियर वास्तविक स्थल पर जाकर क्रॉस-वेरिफाई कर रहे हैं। यमुनानगर में यह काम लगभग पूरा हो चुका है, जबकि अन्य जिलों में प्रक्रिया जारी है। जगाधरी सर्कल के एसई रवि शंकर मित्तल के अनुसार, वर्तमान में राजस्थान की रिपोर्ट को आधार बनाकर परियोजना का विस्तृत तकनीकी अध्ययन किया जा रहा है।
पाइप लाइन का दायरा बढ़ा
प्रारंभिक प्रस्ताव के अनुसार पाइप लाइन लगभग 263 किमी लंबी होनी थी और 2700 एमएम व्यास के पाइप इस्तेमाल किए जाने थे। लेकिन सर्वे में सामने आया कि कई गांव व शहर पाइप लाइन के मार्ग में आ रहे हैं, जिन्हें बाईपास करना आवश्यक है। इसी वजह से पाइप लाइन की लंबाई बढ़कर 300 किमी से अधिक हो गई है और पाइप का आकार भी बढ़ाकर 3600 एमएम किया गया है।
लागत 28 हजार करोड़ तक अनुमानित
जमीन अधिग्रहण, पाइप लाइन बिछाने और सिविल वर्क पर लगभग 28 हजार करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। अंतिम लागत डीपीआर तैयार होने के बाद तय होगी। यह परियोजना दोनों राज्यों में जल प्रबंधन को नई दिशा दे सकती है और सिंचाई के लिए स्थायी समाधान प्रदान कर सकती है।
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