Edited By Vivek Rai, Updated: 04 Apr, 2022 03:09 PM

महामारी के दौरान कोरोना वॉरियर्स की भूमिका काफी अहम रही थी। अपनी जान पर खेलते हुए स्वास्थ्य कर्मियों ने लोगों की सेवा की थी। लेकिन ये स्वास्थय कर्मी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है। दरअसल, 31 मार्च को कांट्रेक्ट पूरा होने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों...
फतेहाबाद(रमेश): महामारी के दौरान कोरोना वॉरियर्स की भूमिका काफी अहम रही थी। अपनी जान पर खेलते हुए स्वास्थ्य कर्मियों ने लोगों की सेवा की थी। लेकिन ये स्वास्थय कर्मी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर है। दरअसल, 31 मार्च को कांट्रेक्ट पूरा होने के बाद स्वास्थ्य कर्मियों को हटा दिया गया है। जिससे गुस्साए कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया औऱ लघु सचिवालय पहुंचकर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।
कर्मचारियों ने इस दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रोष प्रकट किया और कहा कि जब कोरोना जैसी महामारी ने दस्तक दी तो उन्होंने अपने परिवारों की चिंता न करते हुए दिनरात अपनी सेवाएं दी और अभी भी जब कोरोना काल चल ही रहा है तो उन्हें हटा दिया गया है। वहीं कर्मचारियों को हटाने के बाद कोविड के लिए बने फ्लू क्लीनिक सहित सैंपलिंग, वैक्सीनेशन आदि सेवाएं ठप हो गई हैं।
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि प्रदेशभर में 3500 तक कर्मचारियों को हटाया गया है। कोरोना के लिए ये कर्मचारी एनएचएम के तहत आऊटसोर्सिंग से भर्ती किए गए थे, अभी कोरोना गया नहीं है, चौथी लहर की बातें हो रही हैं और तीसरी लहर के केस भी अभी आ रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों को दिनरात की सेवा के बाद अब हटा दिया गया है।
कर्मचारियों के हटने के बाद कोरोना को लेकर दी जा रही अब सारी सेवाएं बंद हो गई हैं। बाहर जाने वाले लोगों की सैंपलिंग न होने के कारण उनकी फ्लाइटें मिस हो रही हैं। उनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द उन्हें बहाल करे।