सावधान! हरियाणा के भूजल में मिल रही ये खतरनाक चीजें, इन जिलों में बढ़े कैंसर-किडनी के मरीज

Edited By Deepak Kumar, Updated: 25 Jan, 2025 01:22 PM

dangerous heavy metals in haryana groundwater cancer and kidney patients rise

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हरियाणा के भूजल में आर्सेनिक, यूरेनियम जैसी भारी धातुओं के साथ फ्लोराइड, नाइट्रेट और आयरन तय मानक से सवा दो गुना तक ज्यादा हैं।

डेस्कः हरियाणा में भूजल की समस्या बहुत गंभीर हो चली है। इसके साथ प्रदेश के भूजल में मानक से दोगुनी ज्यादा खतरनाक भारी धातुएं पाई जा रही है। इसके कारण प्रदेश में कैंसर और किडनी के रोगी बढ़ रहे हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हरियाणा के भूजल में आर्सेनिक, यूरेनियम जैसी भारी धातुओं के साथ फ्लोराइड, नाइट्रेट और आयरन तय मानक से सवा दो गुना तक ज्यादा हैं। 

कैंसर-किडनी समेत 20 तरह की बढ़ी बीमारियां 

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने मई 2023 में भूजल के सैंपल लिए थे। इनकी जांच में हरियाणा के 5 जिलों में भूजल में आर्सेनिक, 17 जिलों में यूरेनियम, 17 जिलों में फ्लोराइड, 21 में नाइट्रेट और 11 जिलों के भूजल में आयरन की मात्रा ज्यादा मिली है। विशेषज्ञों के अनुसार, खतरनाक भारी धातुएं के लगातार सेवन से कैंसर-किडनी समेत 20 तरह की बीमारियां बढ़ती हैं।

हरियाणा में तेजी बढ़ें कैंसर के मामले 

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रताप राव जाधव ने 13 दिसंबर को संसद में कहा था कि घग्गर नदी से सटे अंबाला, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल बेल्ट के भूजल में हैवी मेटल और प्रदूषण से कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में 1 लाख आबादी पर औसत 102 लोगों में कैंसर के लक्षण मिल रहे हैं। 4 साल में कैंसर मरीज 11.27 प्रतिशत बढ़े हैं। कैंसर के मामलों में हरियाणा देश में तीसरे नंबर पर है।

इन जिलों में मिला आर्सेनिक

भिवानी, फतेहाबाद, करनाल, रोहतक व सोनीपत में आर्सेनिक की मात्रा तय मानक 10 पीपीबी (पार्ट्स प्रति बिलियन) से अधिक मिली है। यह 100 मीटर तक की गहराई से निकाले गए पानी में पाया जाता है। इसके नीचे इसका असर खत्म हो जाता है।
 
इन जिलों में मिला यूरेनियम

यूरेनियम की मात्रा पानी में 30 पीपीबी से कम होनी चाहिए, पर यह 17 जिलों के भूजल में सवा दोगुना से भी ज्यादा 70 पीपीबी तक मिला। इन जिलों में अम्बाला, भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, नूंह, पलवल, पानीपत, सिरसा, सोनीपत, रोहतक शामिल है।

 इन जिलों में मिला फ्लोराइड

फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह 17 जिलों में 5.0 से 10 मिलीग्राम प्रति लीटर पाया गया है। इन जिलों में भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पंचकूला, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा और सोनीपत शामिल है। यह सबसे अधिक भिवानी, हिसार, जींद, पानीपत, सिरसा, सोनीपत में है।
 
इन जिलों में मिला नाइट्रेट 

नाइट्रेट का मानक 45 मिलीग्राम प्रति लीटर है। यह अम्बाला, भिवानी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गुरुग्राम, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पंचकूला, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर में अधिक मिला है।

इन जिलों में मिला आयरन

अंबाला, भिवानी, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, रेवाड़ी, सिरसा, फरीदाबाद, यमुनानगर में आयरन तय मानक 1.0 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक मिला।

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