Edited By Shivam, Updated: 29 Jan, 2020 06:15 PM
करनाल के पाढा गांव के युवक ने अपने ही गांव के एक युवक व पानीपत के एक अन्य शख्स पर अमेरिका भेजने के नाम पर 18 लाख रुपये ठगने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता को मैक्सिको के रास्ते अमेरिका भेजा गया था, जहां वह रास्ते में ही पकड़ा गया। मैक्सिको में उसे 76...
करनाल (केसी आर्या): करनाल के पाढा गांव के युवक ने अपने ही गांव के एक युवक व पानीपत के एक अन्य शख्स पर अमेरिका भेजने के नाम पर 18 लाख रुपये ठगने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता को मैक्सिको के रास्ते अमेरिका भेजा गया था, जहां वह रास्ते में ही पकड़ा गया। मैक्सिको में उसे 76 दिन हिरासत में रखा गया। इसके बाद छोड़ा और वह भारतीय दूतावास के माध्यम से अपने परिजनों से संपर्क कर पाया। इसके बाद घर से वापसी की टिकट करवाई और भारत लौटा। अब 18 लाख रुपये न लौटाने पर दो के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज करवाया है।
परिजनों ने जमीन बेचकर दिए थे 18 लाख रुपये
करनाल जिले के पाढ़ा गांव के रहने वाले शिकायतकर्ता पंकज रमन ने अपनी शिकायत में बताया है कि उसी के गांव के नीरज पुत्र राजाराम के माध्यम से उसकी पानीपत के अंसल में रहने वाले दुलीचंद उर्फ दीपक नरवाल पुत्र लख्मी के साथ जान पहचान हुी थी। 25 मार्च 2019 को नीरज नरवाल ने उसे कहा कि उसका लड़का विदेश में रहता है 18 लाख रुपये लगेंगे तुम्हें भी अमेरिका भिजवा देता हूं।
उसके घरवालों ने जमीन बेचकर 18 लाख रुपये तैयार किए। आरोप है कि उन्होंने नीरज व दीपक नरवाल को पहले 10 लाख रुपये दिए, 8 लाख रुपये मैक्सिको पहुंचने पर देने की बात हुई। 31 मई 2019 को मैक्सिको भेजने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट बुला लिया। उसे कुछ कागजात दिए। 3 जून 2019 को वह मैक्सिको पहुंच गया। वहां 1 एजेंट मिला जो उसे जंगल के रास्ते मैक्सिको से लेकर चल दिया।
मैक्सिकों में पकड़ा गया तो एजेंट छोड़कर भागा
19 अगस्त 2019 को उसे मैक्सिको इमिग्रेशन ने पकड़ लिया। उसे पकड़ा देख एजेंट वहां से भाग गया। आरोप है कि मैक्सिकों में उसे छुड़वाने के लिए आरोपियों ने 8 लाख रुपये लिए लेकिन इसके बाद भी उसकी कोई मदद नहीं की। मैक्सिको कानून के मुताबिक 76 दिन बाद इमिग्रेशन वालों ने उसे अपने आप रिहा कर दिया। वह भारतीय दूतावास पहुंचा और भारत में परिजनों से संपर्क किया।
पंकज रमन के परिवार वालों ने भारत से उसकी टिकट बुक करवाई। इसके बाद वह भारत वापिस आया। यहां पहुंचकर उसने दीपक नरवाल और नीरज से 18 लाख रुपये देने के लिए कहा तो वे बार-बार समय देते रहे लेकिन पैसे नहीं दिए। आरोप है कि इसके बाद दोनों आरोपियों ने पैसे देने से मना कर दिया और जान से मारने की धमकी भी दी। पंकज रमन ने मैक्सिको के एमरजेंसी सर्टिफिकेट, वहां की वापसी टिकट, आरोपियों द्वारा दिए गए फर्जी दस्तावेज भी दिए हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।