Edited By Saurabh Pal, Updated: 31 Mar, 2024 04:02 PM
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हरियाणा के दिग्गज भाजपा नेता व पूर्व गृहमंत्री अनिल विज की नाराजगी खत्म नहीं हुई है, एक बार फिर से उन्होंने लोकसभा चुनावों को लेकर होने वाली बैठक से दूरी बनकार अपनी नाराजगी के संकेत दिए हैं...
चंडीगढ़ः हरियाणा के दिग्गज भाजपा नेता व पूर्व गृहमंत्री अनिल विज की नाराजगी खत्म नहीं हुई है, एक बार फिर से उन्होंने लोकसभा चुनावों को लेकर होने वाली बैठक से दूरी बनकार अपनी नाराजगी के संकेत दिए हैं। दरअसल लोकसभा चुनाव प्रभारी सतीश पूनिया इनदिनों हरियाणा के दौरे पर हैं। उन्होंने बीते दिनों हरियाणा की सभी लोकसभा सीटों के लिए एक बैठक की थी। इसके बाद लोकसभा वाइज बैठकों दौर उन्होंने शुरु कर दिया है।
इस क्रम में अंबाला लोकसभा सीट के पंचकूला में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में खास बात रही कि अनिल विज शामिल नहीं हुए। जबकि अंबाला में वह मजबूत पकड़ वाले नेता माने जाते हैं। इसके अलावा वह अंबाला की कैंट विधानसभा सीट से विधायक भी है। अब अनिल विज की इस चुनावी बैठक से दूरी राजनीतिक गलियारों से आम जनता तक में चर्चा का विषय बनी हुई है।
बता दें कि अनिल विज हरियाणा में सरकार का चेहरा बदलने वाले फैसले के बाद से ही नाराज चल रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद पार्टी ने नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया। जिसके बाद अनिल विज नाराज हो गए और बैठक छोड़कर चले आए थे। विज पार्टी के इस फैसले से इस कदर नाराज हुए कि वह पार्टी के कार्यक्रमों से किनारा करने लगे। इस दौरान नए मुख्यमंत्री नायब सैनी शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए। इतना ही नहीं वह नए मंत्रिमंडल में शामिल भी नहीं हुए।
अब पूर्व गृह मंत्री अनिल विज लगातार पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को निशाना बना रहे हैं। हाल ही में उन्होंने पूर्व सीएम खट्टर को लेकर दो बड़े बयान दिए हैं, जिनमें उन्होंने अपनी नाराजगी स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा कि सरकार में चेहरा बदलने की पूरी जानकारी मनोहर लाल को थी। इसके बाद उन्होंने कहा कि सरकार में हुए इस बदलाव का सूत्रधार मनोहर लाल खट्टर ही रहे। विज ने यह भी दावा किया कि 2014 में उनकी वजह से भाजपा को हरियाणा विधानसभा चुनाव में बहुमत मिला। 2019 में बहुमत क्यों नहीं आया, यह मनोहर लाल खट्टर को बताना चाहिए। खट्टर तब मुख्यमंत्री थे।
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