केंद्रीय मंत्री और दिल्ली की सीएम समेत 10 नेताओं के खिलाफ गुड़गांव कोर्ट में केस दायर, जानें पूरा मामला

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 31 Jul, 2025 09:06 PM

advocate file case against central minister and delhi cm in gurgaon court

पुराने वाहनों की जब्ती व स्क्रैपिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और दिल्ली की सीएम समेत 10 बड़े नेताओं के खिलाफ गुरुग्राम की एडिशनल सेशन कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

गुड़गांव, (ब्यूरो): पुराने वाहनों की जब्ती व स्क्रैपिंग को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और दिल्ली की सीएम समेत 10 बड़े नेताओं के खिलाफ गुरुग्राम की एडिशनल सेशन कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में डीजल के 10 वर्ष से अधिक पुराने व पेट्रोल के 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की जब्ती और स्क्रैपिंग के नाम पर लूट, डकैती, धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। मामला मोटर वाहन अधिनियम से जुड़ा हुआ है।

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गुरुग्राम के सीनियर एडवोकेट मुकेश कुल्थिया की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि पिछले एक दशक से दिल्ली सरकार और विभिन्न केंद्रीय एजेंसियां सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) व अन्य संस्थाओं का झूठा हवाला देकर जनता की वैध और रजिस्टर्ड गाड़ियों को जबरन जब्त कर स्क्रैपिंग एजेंसियों को सौंप रही हैं। एडवोकेट ने इसे केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और इसके संशोधित नियमों (2019, 2021, 2022, 2023) का खुला उल्लंघन बताया है। वहीं इस याचिका पर एडिशनल सेशन कोर्ट ने संज्ञान लिया है। साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए सीजेएम कोर्ट से रिकॉर्ड तलब किए हैं।

 

याचिका में इन प्वाइंट को बनाया आधार:

एडवोकेट मुकेश कुल्थिया ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम में स्पष्ट है कि वाहन की वैध उम्र 15 वर्ष है और इसके बाद 5-5 साल के लिए रिन्युअल की व्यवस्था है। फिर भी सरकार और अधिकारी किस अधिकार से जनता की गाड़ियां जब्त कर रहे हैं? यह जनता की संपत्ति की लूट है और संविधान के मूल अधिकारों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 300ए (संपत्ति का अधिकार), 19(1)(ड) (आवागमन की स्वतंत्रता), 19(1)(ग) (व्यवसाय की स्वतंत्रता) और 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का उल्लंघन है। यह मामला क्रिमिनल रिवीजन नंबर सीआरआर-438/2025 के तहत दर्ज किया गया है, जो मूल रूप से मुकदमा नंबर कॉमी-436/2025 का पुनरीक्षण है। 

 

पहली याचिका 5 जुलाई को लगाई:

उन्होंने बताया कि यह मामला पहले 5 जुलाई 2025 को गुरुग्राम की मजिस्ट्रेट अदालत में कॉमी-436/2025 के तहत दाखिल किया गया था, लेकिन पूर्व स्वीकृति के अभाव में इसे खारिज कर दिया गया। इस आदेश को चुनौती देते हुए एडवोकेट मुकेश कुल्थिया ने एडिशनल सेशन कोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल की। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीजेएम कोर्ट से रिकॉर्ड मांगते हुए इसका संज्ञान लिया है। एडवोकेट मुकेश कुल्थिया की ओर से दायर याचिका में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता, मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, पूर्व परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के अलावा गृह सचिव, भारत सरकार गोविंद मोहन, दिल्ली परिवहन विभाग की सचिव/आयुक्त निहारिका राय, पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा, स्पेशल सीपी ट्रैफिक अजय चौधरी, एडिशनल सीपी ट्रैफिक दिनेश गुप्ता को आरोपी बनाया गया है। इनके अलावा वीरेंद्र शर्मा सदस्य, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएएम) को भी आरोपी बनाया है। अधिवक्ता मुकेश कुल्थिया ने बताया कि गुरुग्राम की एडिशनल सेशन कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई जल्द होने की उम्मीद है। यदि कोर्ट याचिकाकर्ता के हक में कोई फैसला करती है तो यह दिल्ली सरकार और संबंधित अधिकारियों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।

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