Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 28 Jul, 2025 02:10 PM

गुड़गांव में मानसून के दौरान होने वाले जलभराव को रोकने के लिए गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण ने 62 करोड़ रुपए की योजना तैयार की है। इस पर कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
गुड़गांव, (ब्यूरो): गुड़गांव में मानसून के दौरान होने वाले जलभराव को रोकने के लिए गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण ने 62 करोड़ रुपए की योजना तैयार की है। इस पर कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इसके लिए सेक्टर-68 से 75 और सेक्टर-112 से 115 तक ड्रेनेज सिस्टम मजबूत किया जा रहा है। अधिकारियों की मानें तो यह कार्य जोरों पर है। यह प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना शहर के तेजी से शहरीकृत हो रहे क्षेत्रों में जलभराव को रोकने और विकास को सुगम बनाने के जीएमडीए के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है।
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अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना के अंतर्गत सेक्टर 68–75 और 112–115 में जीएमडीए के इन्फ्रा-2 डिविजन द्वारा आरसीसी बॉक्स टाइप मास्टर स्टॉर्म वाटर ड्रेन का निर्माण किया जा रहा है, जिससे इन क्षेत्रों में एक एकीकृत और कुशल जल निकासी व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी।
इन सेक्टरों में मजबूत जल निकासी प्रणाली विकसित करने से न केवल लंबे समय से चली आ रही जलभराव की समस्या का समाधान होगा, बल्कि नियोजित शहरी विकास को भी गति मिलेगी और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार आएगा। सेक्टर 68 से 75 में जल निकासी नेटवर्क को बढ़ाने के लिए, 17.63 किमी लंबाई में मास्टर स्टॉर्म वॉटर ड्रेन बिछाने का काम करने की योजना है, जिसमें विभिन्न आकारों के आरसीसी बॉक्स टाइप ड्रेन का निर्माण किया जाएगा। इन बरसाती नालों के पानी के निर्वहन का निपटान आगामी एसपीआर के साथ वाटिका चौक से एनएच 48 तक मास्टर स्टॉर्म वॉटर ड्रेन में और अंततः लेग-3 बादशाहपुर नाले में किया जाएगा। क्षेत्रों में सेक्टर 68, 69, 70, 70ए, 71, 72,75, 75ए, 71, 73 और 74 शामिल हैं। सेक्टर 68-75 में जल निकासी नेटवर्क प्रदान करने की परियोजना 62.78 करोड़ रुपये की लागत से निष्पादित की जाएगी। इस प्रोजेक्ट को 12 महीने के भीतर पूरा किया जाएगा।
सेक्टर 112-115 की जल निकासी परियोजना के तहत सेक्टर 112-115 में लगभग 7.5 किमी लंबाई में विभिन्न आकार के मास्टर आरसीसी बॉक्स टाइप ड्रेन का निर्माण किया जाएगा और कुल ड्रेनेज सिस्टम को मास्टर लेग-1 ड्रेन से जोड़ने का प्रस्ताव है, जो इन क्षेत्रों में मौजूद है। इसके अतिरिक्त, भारी मानसून के दौरान मुख्य ड्रेन के किसी भी ओवरफ्लो को रोकने के लिए सेक्टर 115 में लेग-I ड्रेन के पास एक पंपिंग स्टेशन का भी निर्माण किया जाएगा। इस पंपिंग प्रणाली को भारी मानसून अवधि के दौरान उपयोग किया जाएगा ताकि लेग-I और प्रस्तावित नए ड्रेन के बैक फ्लो के किसी भी संभावना से बचा जा सके। सेक्टर 112-115 में जल निकासी नेटवर्क प्रदान करने की परियोजना 38.46 करोड़ रुपये की लागत से क्रियान्वित की जाएगी। प्रोजेक्ट पूरा होने का समय 19 महीने है।
वर्तमान में, तीन मास्टर बरसाती नाले हैं जो मानसून के दौरान शहर के पानी को नजफगढ़ नाले में ले जाते हैं, अर्थात् लेग-1 नाला (सिकंदरपुर से पालम विहार होते हुए नजफगढ़), लेग-2 नाला (सेक्टर 42 से हुडा सिटी सेंटर होते हुए नजफगढ़) और लेग-3 नाला (घाटा गांव से वाटिका चौक, हीरो होंडा चौक, सेक्टर 99 होते हुए नजफगढ़ नाला) जिसे बादशाहपुर ड्रेन भी कहा जाता है।
इसके अतिरिक्त, जीएमडीए द्वारा सेक्टर 69, 70, 75 और 75ए के साथ वाटिका चौक से एनएच 8 तक लगभग 5.2 किलोमीटर लंबी ड्रेन बिछाने का काम भी तेजी से किया जा रहा है। पूरा होने पर यह ड्रेन गुरुग्राम शहर के लेग-4 ड्रेन के रूप में कार्य करेगा और भारी मानसून के दौरान बादशाहपुर ड्रेन (लेग-3) पर बोझ को भी कम करेगा।