Edited By Deepak Kumar, Updated: 28 Jul, 2025 01:09 PM

हरियाणा के हिसार जिले के शांति नगर इलाके में स्थित एक प्राचीन हनुमान मंदिर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। हिसार नगर निगम ने इस मंदिर को अवैध बताते हुए तोड़ने का नोटिस जारी किया है।
डेस्कः हरियाणा के हिसार जिले के शांति नगर इलाके में स्थित एक प्राचीन हनुमान मंदिर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। हिसार नगर निगम ने इस मंदिर को अवैध बताते हुए तोड़ने का नोटिस जारी किया है। यह मंदिर एक सार्वजनिक पार्क के भीतर बना हुआ है। निगम का कहना है कि यह ढांचा सार्वजनिक भूमि पर अनधिकृत रूप से बना है और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत इसे हटाना जरूरी है।
नौ दिन पहले जारी हुआ था नोटिस, हाल ही में चिपकाया गया
नगर निगम के संयुक्त आयुक्त कार्यालय की ओर से मंदिर पर एक नोटिस चिपकाया गया है। नोटिस में उल्लेख है कि मंदिर लगभग 101 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में सार्वजनिक जमीन पर स्थित है। इसमें चेतावनी दी गई है कि अगर एक सप्ताह के भीतर मंदिर स्वयं नहीं हटाया गया, तो निगम इसे ध्वस्त कर देगा।
बताया जा रहा है कि यह नोटिस नौ दिन पहले जारी हुआ था, लेकिन इसे हाल ही में मंदिर पर चिपकाया गया। नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी सार्वजनिक सड़क, पार्क या अन्य सार्वजनिक स्थान पर अनधिकृत धार्मिक ढांचे नहीं बनाए जा सकते।
स्थानीय लोगों और संगठनों की बैठक
नोटिस सामने आने के बाद शनिवार शाम को शांति नगर के स्थानीय निवासियों और कई धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों ने एक आपात बैठक की। इस बैठक में उन्होंने नगर निगम की कार्रवाई का विरोध करने और मंदिर को बचाने के लिए रणनीति तैयार की। लोगों का कहना है कि यह मंदिर बहुत पुराना है और उनकी आस्था से जुड़ा हुआ है।
निगम आयुक्त का बयान
हिसार नगर निगम के आयुक्त नीरज ने कहा कि यह कार्रवाई पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में दायर अवमानना याचिका के आलोक में की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अदालत के आदेशों के अनुसार ही नोटिस जारी किया गया है और सभी पक्षों को सुनने के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उनका कहना है कि अदालत के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।
फिलहाल, शांति नगर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। एक ओर प्रशासन अदालत के आदेशों का पालन करने पर जोर दे रहा है, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोग अपनी धार्मिक आस्था की रक्षा के लिए आंदोलनरत हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।
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