Edited By Saurabh Pal, Updated: 28 May, 2024 08:18 PM
जिला परिषद में सफाई के नाम हुए 7 करोड़ रुपये घोटाले के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो टीम एक्शन में आ गई है। एंटी करप्शन टीम ने कार्रवाई करते हुए पंचायती राज के तात्कालीन एक्सईएन नवीन गोयत, जेई जसबीर सिंह व एकाउंटेंट को गिरफ्तार कर लिया है...
कैथल(जयपाल रसूलपुर): जिला परिषद में सफाई के नाम हुए 7 करोड़ रुपये घोटाले के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो टीम एक्शन में आ गई है। एंटी करप्शन टीम ने कार्रवाई करते हुए पंचायती राज के तात्कालीन एक्सईएन नवीन गोयत, जेई जसबीर सिंह व एकाउंटेंट को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा इस घोटाले में 4 ठेकेदारों को काबू कर लिया गया है। जिसमें फरीदाबाद निवासी दिलबाग सिंह, गांव कुतुबपुर निवासी अभय संधू, पूंडरी निवासी अनिल व राजेश हैं।
इस मामले इन 7 आरोपितों के अलावा जिला परिषद कैथल के तत्कालीन डिप्टी सीईओ जसविंद्र सिंह जो इन दिनों कुरुक्षेत्र जिले में कार्यरत हैं उनका भी नाम शामिल है। घोटाले के मामले में ठेकेदारों सहित कुल 15 आरोपियों के खिलाफ सोमवार को एंटी करप्शन ब्यूरो ने अंबाला थाने में मामला दर्ज किया था। एसीबी की गिरफ्त से बाहर चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर विजिलेंस की 10 टीमें छापे मार कार्रवाई कर रही हैं। वहीं विजिलेंस की इस कार्रवाई की सूचना मिलते ही ठेकेदार रोहताश कैथल से फरार हो गया है। विजिलेंस टीम की तरह से जानकारी दी गई है कि गिरफ्तार किये गये सभी आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ये था पूरा मामला
दरअसल साल 2021 में जिला परिषद के पास गांवों की सफाई के लिए 16 करोड़ 31 लाख रुपये की ग्रांट आई थी। इस राशि में से करीब 10 करोड़ रुपये की राशि टाईड व अन-टाईड कार्य में खर्च की जानी थी। टाईड राशि में तालाबों की सफाई, गली नालों की सफाई व ड्रेन आदि की सफाई की जानी थी। इसी तरह अन-टाईड में गली, चौपाल, सामुदायिक केंद्र, व श्मशान घाट आदि के कार्य किए जाने थे। उस समय के तत्कालीन डिप्टी सीईओ सहित अन्य अधिकारी व फर्म के ठेकेदारों ने आपसी साथ गांठ कर गांवों में सफाई करवाए बिना ही 7 करोड़ रुपये की राशि हड़प ली।
इस घोटाले को लेकर 10-12 गांव के सरपंचों ने उस समय के तत्तकालीन डीसी सुजान सिंह से मिलकर अपने-अपने गांवों में सफाई न होने की लिखित में शिकायत दी थी। घोटाले का पता चलते ही डीसी सुजान सिंह ने सफाई कार्य पर रोक लगा दी थी। जिस कारण 4 करोड़ रूपये की राशि लैप्स हो गई थी। इसके बाद कैथल विधायक लीला राम ने भी इसकी शिकायत सरकार को की थी। तब से इसकी जांच एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा की जा रही थी। शिकायत में घोटाले के लगाए गए आरोप सही पाए गए और सोमवार को 18 आरोपियों के खिलाफ एसीबी थाना अम्बाला में एफआईआर दर्ज की गई।
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